रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने बलरामपुर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य, कांग्रेस नेता और मुस्लिम विकास समिति के ब्लॉक अध्यक्ष मुमताज अंसारी के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री मो. अकबर समेत वन विभाग के डीएफओ पर भ्रष्टाचार के आरोपों को बेहद गंभीर बताते हुए इन आरोपों की सत्यता की बारीकी से जाँच कराने की मांग की है। पूर्व जिपं सदस्य अंसारी और वन विभाग के एक दरोगा के बीच हुए वार्तालाप के सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक ऑडियो का हवाला देते हुए श्री सुंदरानी ने कहा कि इस चर्चा के दौरान कांग्रेस के ही एक नेता द्वारा लगाए गए आरोपों ने प्रदेश सरकार की विश्वसनीयता को सवालिया दायरे में ला दिया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सुंदरानी ने कहा कि इस ऑडियो में बलरामपुर जिलो के पूर्व जिपं सदस्य अंसारी को मुख्यमंत्री और वन मंत्री पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते सुना जा रहा है। अंसारी ने डीएफओ को प्रदेश सरकार का ठेकेदार और समूचे वन विभाग को योजना बनाकर लूटने वाला महकमा भी बताया है। बलरामपुर जिले के विजयनगर सर्कल के अंतर्गत गम्हरिया बांध निर्माण समेत जिलेभर में हो रहे एक सौ करोड़ रुपए के विभिन्न कामों को लेकर अंसारी ने वन विभाग के एक दरोगा से चर्चा के दौरान कार्यस्थलों पर बोर्ड लगाने को भी कहा। दरोगा द्वारा विजयनगर सर्कल के अलावा कहीं और बोर्ड लगाने में असमर्थता जताने पर अंसारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश से बाहर के ट्रैक्टर्स बुलाकर उन्हें काम पर लगाया गया है। एक सौ करोड़ रुपए के सारे काम डीएफओ स्वयं करा रहे हैं और मुख्यमंत्री व वन मंत्री पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाकर अंसारी ने पूरे महकमे को ही योजनापूर्वक लूटने वाला बता दिया।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सुंदरानी ने कहा कि भाजपा शुरू से ही प्रदेश सरकार के नेतृत्व की कार्यप्रणाली, कुनीतियों, बदनीयती, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार को लेकर मुखरता से लोगों को अवगत कराती रही है। लेकिन भाजपा के तथ्यात्मक आरोपों को महज राजनीतिक बताकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग खारिज करते रहे। श्री सुंदरानी ने सवाल किया कि अपनी पार्टी के नेता, पूर्व जिपं सदस्य और मुस्लिम विकास समिति के अध्यक्ष के आरोपों पर अब कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार का क्या कहना है? जब सरकार के पक्ष के राजनीतिक नेता अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री-मंत्री समेत अधिकारी व महकमे की नीयत पर सवाल खड़ा कर रहे हैं तो प्रदेश सरकार की विश्वसनीयता तो दाँव पर लग ही चुकी है। श्री सुंदरानी ने इस ऑडियो में लगाए गए आरोपों के मद्देनजर प्रदेश सरकार से पूरे मामले की जाँच कर शासन-प्रशासन के कार्यों में पूरी तरह पारदर्शिता बरतने की नसीहत दी है।