छत्तीसगढ़ में SI भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है।साथ ही कोर्ट ने कहा है कि, प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिला उम्मीदवारों को हटाया जाए। उनकी जगह वंचित पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लेकर मेरिट के आधार पर नियुक्ति आदेश जारी करें। इस प्रक्रिया को 45 दिन में पूरा करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।
इसके साथ ही कोर्ट ने एसआई, प्लाटून कमांडर, सूबेदार भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में सोमवार को हुई है।
पुलिस विभाग में सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर समेत अन्य 975 पदों पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में विज्ञापन जारी किया गया। इसमें से प्लाटून कमांडर के 247 पदों पर भर्ती होनी थी। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि महिला उम्मीदवार प्लाटून कमांडर के लिए पात्र नहीं होंगी।
16 मई 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है। इसमें प्लाटून कमांडर और अन्य पद मिलाकर 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इसके बाद मैरिट सूची से वंचित कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की। इसमें भर्ती में अनियमितता सहित नियमों का पालन नहीं करने के आरोप लगाए गए।
फिर मैरिट सूची को कैंडिडेट्स ने दी चुनौती
याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 पद प्लाटून कमांडर के थे। मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थी यानी कि 14560 होने चाहिए। इसी तरह प्लाटून कमांडर के लिए 247 गुना 20 यानी 4940 अभ्यर्थी शामिल होने चाहिए, लेकिन वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में 975 गुना 20 के अनुसार अभ्यर्थियों के नाम मुख्य परीक्षा के लिए पात्र सूची में शामिल हैं, यह मनमाना व अवैध है।
याचिका में कहा गया कि सूची में 6013 महिला अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं। अगर सही प्रक्रिया का पालन होता तो 4368 महिलाओं के नाम ही शामिल होते। वहीं प्लाटून कमांडर पद के लिए महिलाएं पात्र नहीं थीं, लेकिन फिर भी उन्हें मैरिट लिस्ट में शामिल किया गया।
दावा-आपत्ति का निराकरण किए बगैर जारी की सूची
छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने 26 मई 2023 से 29 मई 2023 तक मुख्य परीक्षा आयोजित की थी। 5 जून 2023 को पहला मॉडल आंसर जारी किया गया और 7 जून 2024 तक दावा-आपत्ति मंगाई गई। याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति प्रस्तुत की थी।
प्लाटून कमांडर की मैरिट में पुरुषों को मौका
मेरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों ने भी हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी। एडवोकेट धीरज वानखेड़े ने सिलेक्ट कैंडिडेट्स का पक्ष रखते हुए कहा कि व्यापमं ने सभी प्रक्रियाओं का पालन कर एग्जाम लिया है। इसके बाद इंटरव्यू लेकर मेरिट सूची जारी की गई। उन्होंने सिलेक्ट उम्मीदवारों को नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने सोमवार को आदेश में यह भी कहा है कि प्लाटून कमांडर की भर्ती के लिए मैरिट सूची में महिलाओं का शामिल करना गलत है। लिहाजा, महिला उम्मीदवारों का नाम हटाकर उनकी जगह पुरुष उम्मीदवारों को शामिल किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी कर वंचित पुरुष उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट लेकर उनकी मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया है।