लोकसभा चुनाव को लेकर पहले चरण के मतदान को लेकर प्रचार-प्रसार थम गया है। छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट में पहले चरण में मतदान होना है। इसके साथ ही मतदान के 48 घंटे पहले बस्तर में आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम गया है। अब बस्तर लोकसभा क्षेत्र में सभी राजनीतिक दल के नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगे और पार्टी के लिये वोट मांगेंगे।
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा नक्लस प्रभावित इलाका बस्तर जहां छत्तीसगढ़ में पहले चरण में मतदान होगा। 19 अप्रैल के दिन बस्तर लोकसभा क्षेत्र की जनता अपने सांसद का चुनाव करेगी। वहीं बस्तर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां कुल 14 लाख 72 हजार 207 मतदाता है जो 19 अप्रैल को वोट करेंगे। बस्तर लोकसभा सीट के लिए चुनाव आयोग ने कुल 1961 मतदान केंद्र बनाए हैं, जिनमें से 96 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं। चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा को देखते हुए मंगलवार को बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर में 56 मतदान दलों के 336 मतदानकर्मियों को हेलिकॉप्टर से भेजा गया। चुनाव की प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए 100 मतदान दलों के कर्मियों को आज उनके केंद्र भेज दिया गया, जहां वह मतदान की तैयारियों के बीच चुनाव संपन्न कराएंगे।
नक्सस प्रभावित इलाका होने कारण निर्वाचन आयोग ने सभी मतदान केंद्रों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जवानों को तैनात कर दिया है। मतदान दल पहुंचने से पहले इलाके में जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ है। जिससे कि नक्सली किसी तरह से चुनाव में व्यवधान न पैदा कर सकें। बस्तर में सुरक्षा को देखते हुए कुल 36 हजार जवानों की तैनाती की गई है। वहीं आपात स्थिति जैसे नक्सल हमले से निपटने के लिये सभी वोटिंग बूथों पर हेलिकॉप्टर-चॉपर की भी व्यवस्था की गई है। जितने भी अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं वहां मतदान के बाद तुरंत हेलीकॉप्टर से ईवीएम मशीन को मुख्य केंद्र तक सुरक्षित लाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट से चुनाव के मैदान में कांग्रेस और भाजपा दो महत्वपूर्ण पार्टी पर सबकी नजर होगी। हालांकि तीसरा मोर्चा यहां प्रभावी नजर आता है लेकिन मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी पर जनता के भरोसे पर परिणाम टिका हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने बस्तर लोकसभा सीट से कवासी लखमा को चुनाव के मैदान में उतारा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने महेश कश्यप पर भरोसा जताया है।