रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को ‘हर मोर्चे पर बुरी तरह विफल सरकार’ बताते हुए तीखा हमला बोला और कहा है कि यह प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के लिए एक राजनीतिक आपदा से ज़रा भी कम नहीं है। श्री साय ने कहा कि कर्ज़ के बोझ से प्रदेश दबा जा रहा है, क़ानून-व्यवस्था सरेआम दम तोड़ रही है, कोरोना का संक्रमण विस्फोटक हो चला है और लोग अब क्वारेंटाइन सेंटर्स ही नहीं, इलाज के दौरान कोविड अस्पतालों में आत्महत्या करने के लिए विवश हो रहे हैं और शराब के गोरखधंधे में भी ग़बन होना प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। इन सबके बावज़ूद, राज्य सरकार और कांग्रेस को अपनी विफलताओं पर ज़रा भी कोफ़्त नहीं होना बेहद शर्मनाक है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि कर्ज़ पर कर्ज़ लेकर प्रदेश सरकार राज्य को कंगाली की अंधी सुरंग में धकेल रही है। 18 महीनों में ही रिकॉर्ड तोड़ कर्ज लेकर राज्य सरकार ने यहाँ के अर्थतंत्र को पस्त कर दिया है। कर्ज़ लेकर राज्य सरकार जिन योजनाओं को लागू करने का ढोंग रच रही है, वे योजनाएँ भी इक साल में ही दम तोड़ रही हैं। श्री साय ने कहा कि किसानों के पिछले खरीफ सत्र के धान-मूल्य की अंतर राशि की दूसरी किश्त देने तक के लिए सरकार के खजाने में पैसे नहीं हैं, जब अंतर राशि के भुगतान के लिए कर्ज़ लिया ही तो सरकार अब किसानों की शेष अंतर राशि का किश्तों के बजाय एकमुश्त भुगतान करे। दूसरी तरफ चालू खरीफ सत्र की धान खरीदी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया सरकार शुरू करने जा रही है। पिछला भुगतान नहीं कर पाने वाली सरकार अगली खरीदी के लिए राशि कहाँ से जुटा पाएगी, यह भी साफ नहीं है। श्री साय ने कटाक्ष किया कि दम तोड़तीं नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी, गौठान, रोका-छेका, गौ-धन न्याय योजना, लाउड स्पीकर से पढ़ाई जैसी तमाम योजनाओं के लिए तो सरकार के पास न तो फंडिंग का स्रोत दिख रहा है, न ही सरकार इन योजनाओं के लिए आर्थिक प्रावधान को लेकर गंभीर नज़र आ रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि केंद्र और भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं को राजनीतिक प्रतिशोध के चलते बंद कर देने वाली इस कांग्रेस सरकार ने सिवाय राजनीतिक नौटंकियों के अपनी ओर से प्रदेश की बेहतरी के लिए एक काम तक नहीं किया। सारे विकास कार्य या तो बंद पड़े हैं या फिर पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। बेरोजगारों को भत्ता देना तो दूर, प्रदेश के हज़ारों रिक्त पदों पर नई भर्तियाँ तक इस सरकार ने अपनी सनकमिज़ाजी के चलते रोक रखी है। श्री साय ने कहा कि सरकार ने शराब बेचने का काम ज़रूर किया है, लेकिन जिस काम को करने के लिए सरकार ज़रूरत से अधिक ललकती दिखी और कोरोना संक्रमण काल में भी जिसका परहेज करने को सरकार तैयार नहीं है, उसमें सरकार की बदनीयती साफ झलक रही है. ओवररेट शराब बिक्री करके सरकार ने शराब को गोरखधंधे में तब्दील करने में कोई क़सर नहीं छोड़ी, शराब की अवैध बिक्री करके प्रदेश के खजाने की आय पर राजनीतिक डाका डाला और अब शराब दुकानों से लाखों रुपए का ग़बन होने लगा है! पुलिस के जवान सरेआम वर्दी पहने हुए शराब के जाम छलका रहे हैं। श्री साय ने कहा कि यह राज्य सरकार की प्रशासनिक नासमझी का परिचायक है। प्रदेश सरकार का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और अफ़सरशाही लोगों की प्रताड़ना में जुटी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने क़ानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज प्रदेश में कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है। सरेआम महिलाओं और नाबालिग किशोरियों की अस्मिता से खिलवाड़ करके दरिंदे खुलेआम घूम रहे हैं। कोरोना काल में ही महिलाएँ घरेलू हिंसा और बलात्कार के मामलों की संख्या सरकार के महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त हैं। श्री साय ने कहा कि ख़ुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के गृह ज़िले में बेमेतरा के बाद मंगलवार को एक ही दिन में सामने आया भिलाई में नंदिना थाना क्षेत्र के अहिवारा में एक किशोरी को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मामला हो या फिर भिलाई के ही खुर्सीपार थाना क्षेत्र में एक मासूम बच्चे के सामने उसके माता-पिता को चाकू-तलवार से काटकर मार डालने का मामला, ये घटनाएँ प्रदेश सरकार के कार्यकाल को कलंकित साबित करने वाली हैं। श्री साय ने कहा कि राह चलते लूट, हत्या, मारपीट जैसी वारदातों ने भी नागरिक सुरक्षा के तमाम सरकारी दावों की धज्जियाँ उड़ रखी है। सरकार और कांग्रेस के राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंदी पर हैं, वहीं रेत, शराब और ज़मीन माफियाओं का आतंक सिर चढ़कर बोल बोल रहा है और वे सरेआम आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में प्रदेश सरकार नाकारा साबित हुई है। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और कोरोना संक्रमण की रोकथाम व दीग़र व्यवस्थाओं में सरकार की विफलता को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह संवेदनशून्य हो चली है। प्रदेश में स्मार्ट कार्ड से लोगों का इलाज तो बंद कर दिया गया है, अब सरकार अपने वादे के बावज़ूद राशन कार्ड से भी ग़रीबों को इलाज की सहूलियत मुहैया नहीं करा रही है। अब प्रदेश में सामान्य रूटीन के इलाज के लिए ग़रीब परिवार के मरीज परेशान हो रहे हैं जबकि कोरोना मरीज अब या तो आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं या फिर सरकार की बदइंतज़ामी के चलते वे तड़प-तड़पकर मरने को विवश हो रहे हैं। श्री साय ने कहा कि अपने 20 महीने के शासनकाल में प्रदेश सरकार ने केवल निकम्मापन प्रदर्शित किया है और यही कारण है कि अब प्रदेश में महज़ दो फ़ीसदी लोग ही इस सरकार को भरोसे के क़ाबिल मान रहे हैं। हर मोर्चे पर नाकामियों की मिसाल पेश करती सरकार आख़िर किसी एक मोर्चे पर तो सफल नज़र आती।