रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों को बिना धान बेचे 10 हज़ार रुपए देने की सरकार द्वारा सुबह की गई घोषणा को शाम को पलट देने पर प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के साध छल-कपट की राजनीति कर लगातार अन्याय करने पर उतारू है। प्रदेश सरकार बताए कि आख़िर सुबह किसानों को पैसा देने की घोषणा को शाम तक क्यों बदलना पड़ा? ऐसा करके सरकार किसानों के साथ एक बार फिर वादाख़िलाफ़ी की भूमिका तैयार कर रही है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने प्रदेश सरकार की नेतृत्वहीनता की इससे बड़ी मिसाल और क्या होगी कि प्रदेश सरकार के मंत्री सुबह जो घोषणा करते हैं, शाम को उससे मुकरने के लिए विवश हो जाते हैं! दरअसल कांग्रेस और प्रदेश सरकार में चल रहे गुटीय सत्ता संघर्ष के चलते प्रदेश सरकार दुविधाओं से घिरी हुई है और उसे यह सूझ ही नहीं रहा है कि वह सरकार चलाए कैसे? सुबह बिना धान बेचे किसानों को 10 हज़ार रुपए देने की घोषणा और शाम को उससे पलटना कांग्रेस के इसी अंतर्विरोध का परिणाम है। डॉ. सिंह ने कहा कि राजनीतिक व प्रशासनिक सूझबूझ और समझ के अभाव में चल रही यह सरकार प्रदेश का कोई भला कर ही नहीं सकती। जो सरकार किसानों का पैसा किश्तों में देने के लिए भी कर्ज़ पे कर्ज़ लेकर प्रदेश के अर्थतंत्र को ध्वस्त करने पर आमादा है, वह सरकार बस जुबानी जमाखर्च करके झूठी वाहवाही बटोरने की फ़िराक़ में ही लगी हुई है।