सियाराम साहू को तो नैतिकता के आधार पर ही त्यागपत्र दे देना चाहिये था

प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर/18 जुलाई 2020। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रदेश में उनकी सरकार चली गई है। सियाराम साहू की नियुक्ति भाजपा शासन में हुई थी। उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। उन्होने पूछा है कि भाजपा की नजर में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अलग कानून है क्या? कमलनाथ सरकार द्वारा महिला आयोग की अध्यक्ष बनाई गई शोभा झा को जब शिवराज सिंह चौहान की सरकार में हटा दिया गया तो वह सही है और यहां पर भाजपा की रमन सिंह सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष सियाराम साहू का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी नियुक्ति आगामी आदेश तक बढ़ाई गयी। उनके स्थान पर कांग्रेस की तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित सरकार ने अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की है तो इस पर भाजपा राजनीति कर रही है।
भाजपा के दोहरे आचरण पर तीखी टिप्पणी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस भाजपा की मध्यप्रदेश की सरकार ने हाल ही में नियुक्त की गयी प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा झा को पद से हटा दिया। एक संवैधानिक पद में उसी पार्टी के ओबीसी आयोग के अध्यक्ष जो अपना कार्यकाल पूरा कर चुके है और जिन्हें आगामी आदेश तक एक्टेंशन दिया गया था वो अपने पद से चिपके रहना चाहते है। भाजपा की नेताओं का पदलिप्ता का जीताजागता सबूत है।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सियाराम साहू के पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का दिनांक 01/07/2015 के आदेश में उन्हें पदभार ग्रहण की तिथी से आगामी 3 वर्ष की अवधि के लिये अध्यक्ष छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग नियुक्त किया गया था। सियाराम साहू को छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का दूसरा आदेश राज्य शासन ने 28/07/2018 को जारी किया था जिसके अंतर्गत सियाराम साहू को 28 जुलाई 20218 से आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। 16 जुलाई 2018 को राज्य शासन के आदेश क्रमांक एफ-13-03/2020/25-1 जारी कर दिया है। अगले आदेश के जारी होने के बावजूद सियाराम साहू पद से चिपके रहना चाहते है जो गलत है।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा तीन चौथाई बहुमत से हार गयी इसके बाद तो सियाराम साहू को नैतिकता के आधार पर ही त्यागपत्र दे देना चाहिये था। भाजपा की इस रवैये की, भाजपा की इस संविधान विरोधी रवैये की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *