रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव को छत्तीसगढ से आए विभिन्न जिलों के मितानिनों ने मिलकर उन्हे बधाई एवम शुभकामनाएं दी हैं और कहा कि बाबा साहब के उपमुख्यमंत्री बनने से 80000 मितानिनों में उम्मीद की किरण फिर से जागी है। मितानिनों ने सिंहदेव से उनके निवास सिविल लाइन मे मिलकर बधाई दी तथा अपनी मांगों को लेकर उन्हे आवेदन भी सौंपा।
कवर्धा जिले से आई मितानिन आशा वैष्णव ने कहा कि हम टी एस सिंहदेव जी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर बधाई देने आए हैं तथा अपनी बातों को भी पत्र के माध्यम से रखा है।
इनका कहना है कि 2200 रुपए जो मितानिनों के लिए घोषणा की गई थी वो रुका हुआ है जो अभी इनके खाते मे नही आया है इसलिए प्रतिमाह जो 2200 रुपए की घोषणा हमारे लिए की गई है वो हमे मिले। आशा वैष्णव ने कहा कि हमारा जो प्रोत्साहन राशि है उसमे हमारा पैसा कट कर आया है वो 75 प्रतिशत पैसा जो कटा है वो हमे शासन के माध्यम से दिया जाए। इनका कहना है कि हमें सिंहदेव जी से पूरी उम्मीद है और इसी के सहारे हम यहां आज उन्हें बधाई देने तथा अपनी बातों को रखने हम सभी बहनें वहां इक्कठे हुए हैं।
मितानिनों का कहना है कि जो पैसा इनका कट कर आ रहा है केंद्र से और राज्य से अलग अलग आ रहा है वो एक साथ आना चाहिए जैसा पहले आ रहा था। इन्होंने आगे बताया कि हम लोगों का सर्वे कार्य में लगाया जाता है कुष्ठ का टीबी का मलेरिया का कफ का उस सर्वे का पैसा भी हमें नही मिलता है इसकी कोई गारंटी भी नही है।हम अपने ग्राम के सेवक हैं तो हमें भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
आगे इनका कहना है कि सर्वे का आदेश पत्र या घोषणा करना चाहिए ताकि हम काम कर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी हम काम कर रहे हैं और उसका पैसा हमे मिलना चाहिए लेकिन वो भी हमें नही मिलता। गर्मी में भी सर्वे कार्य के लिए हमें कुछ भी मुहैय्या नही कराया जाता जैसे की ग्लव्स हो या और कुछ तो इसकी व्यवस्था भी मितानिन बहनों के लिए होनी चाहिए।
रायपुर जिला अभनपुर ब्लॉक की मितानिन संगीता साहू ने बातचीत के दौरान बताया कि कर्मचारियों को 8 घंटे या 6 घंटे तक काम दिया जाता है लेकिन हम 24 घंटे काम करते हैं और तो और हम पर कई कार्य डाल दिया जाता है जबकि शासन हमें स्वास्थ्य विभाग का काम करने कहता है लेकिन अब हमें वहां चूल्हा बनाने के लिए भी बोलते हैं जबकि बार बार हम पत्र लिख चुके हैं फिर भी वही कार्य बार बार हम पर लाद दिया जाता है कि चूल्हा बनाओ और इसके लिए तो हमें कोई राशि भी मिलती फिर भी अपना कार्य हम करती हैं। जिस हिसाब से हम काम कर रहे हैं उस हिसाब से हमे समय पर पैसा भी नहीं मिलता।
मितानिन संगीता का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में भी जब हम कोई केस लेकर जाते हैं तो वहां के स्टाफ का हमारे प्रति दुर्व्यवहार भी किया जाता है तथा महिलाओं की डिलीवरी में भी स्वास्थ्य केंद्रों में अनदेखी और देरी से इलाज किया जाता है यहां तक कि मितानिनों की हमें जरूरत नही है कहकर हमें बाहर ही खड़े रहो कहा जाता है। जबकि आंगनबाड़ी वालों से ज्यादा काम हम करते हैं फिर भी हमारे साथ इस तरह व्यवहार किया जाता है।
अंत मे मितानिनों ने कहा कि शासन को सबसे पहले महत्व हमें देना चाहिए कि हम स्वास्थ्य के लिए रीढ़ की हड्डी हैं। इसलिए जो वादा किया गया था उसे पूरा करें।
शासन से हमारी यही गोहार है कि जो 2200 रूपए मिलने दूसरो को जैसे कि रोजगार सहायक, विधवा पेंशन, भूमिहीन किसान सबको पैसा मिल रहा है लेकिन सिर्फ मितानिन ही एक हैं जिन्हे पैसा नही मिला है जिसे तत्काल किया जाए। हमारी संख्या 80000 से ऊपर है फिर भी हमें दर दर भटकना पड़ रहा है, हममें क्या कमी है और क्यों पैसा नही दिया जा रहा है इसकी जानकारी हम मितानिन बहनों को भी देना चाहिए। सिंहदेव को बधाई तथा आवेदन देने राज्य के विभिन्न जिलों से मितानिनें बड़ी संख्या में उपस्थित रही।