रायपुर। आज भाजपा कार्यालय, एकात्म परिसर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव , नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल , रायपुर संभाग प्रभारी, विधायक सौरभ सिंह ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की
ईडी की बड़ी कारवाई के बाद उसके द्वारा जारी प्रेस रिलीज से भारतीय जनता पार्टी का यह आरोप फिर साबित हुआ है कि छत्तीसगढ़ की जनता को बुरी तरह लूट-खसोट कर भूपेश बघेल सरकार 10 जनपथ का खजाना भर रही है।
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला तो देश भर में इस तरह का सबसे बड़ा घोटाला है। यह केजरीवाल के दिल्ली शराब घोटाले से भी बड़ा और उससे भी अधिक संगीन है।
अभी तक शराब घोटाले के अलावा, कोयला घोटाला, चावल घोटाला, सीमेंट घोटाला, रेत घोटाला, तबादला घोटाला समेत प्रदेश के हर तरह के संसाधनों की लूट मचा कर कांग्रेस की यह बेईमान सरकार फिरंगियों और मुगलों से भी अधिक बेदर्द तरीके से छत्तीसगढ़ को लूटा है। इसने घोटालों की श्रृंखला में मनमोहन सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है।
इस घोटाले में मुखिया के निर्देश पर अनवर ढेबर द्वारा एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट का निर्माण किया गया जिस के अंतर्गत भ्रष्टाचार का पैसा पार्ट A, पार्ट B एवं पार्ट C के अंतर्गत किया। ईडी के रिलीज में साफ कहा गया है कि ये लोग घोटाले की रकम के अंतिम लाभार्थी नहीं है। अपना कमीशन काट कर ये लोग शेष रकम को ‘पॉलिटिकल मास्टर’ को भेज देते थे। क्या यह बताने की जरूरत है कि ये ‘पॉलिटिकल मास्टर’ कौन है? सीधी सी बात है कि छत्तीसगढ़ में ‘पॉलिटिकल मास्टर’ ही इस सिंडीकेट का सरगना है।
आप यह जान कर आश्चर्य करेंगे कि बड़ी संख्या में ऐसी कच्ची और देसी शराब प्रदेश भर के 800 दुकानों में खपाये गये हैं, जिसे वैध तरीक़े से भी बेचा नहीं जा सकता है। इस शराब से शासकीय खजाने को तो अरबों का चूना लगा ही, प्रदेशवासियों की जान का भी सौदा किया गया।
आरोप के अनुसार फ़ैक्ट्री में शराब बना कर उसे सीधे दुकानों को बेचा जा रहा था और यह रक़म सीधे ‘राजनीतिक खज़ाने’ में जमा होता था। जहरीली शराब से हुई मौतों को भी भूपेश सरकार ने शराब बेचने का बहाना बना दिया।
शराब की कीमत 50 से 80% बढ़ाने, बड़ी संख्या में कच्ची और अन्य अवैध शराब से मौत होने के बावजूद शासन शराब राजस्व में कमी दिखाता रहा और अपनी पीठ भी थपथपाता रहा था। जबकि सच्चाई यह थी कि शराब का अधिकांश पैसा सीधे पॉलिटिकल सरगना हड़प जाता था। यही कारण है कि ईडी की कारवाई होते ही अचानक शराब राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि हो गई।
इस मामले में सबसे दुखद पक्ष है एक सहज और भोले आदिवासी मंत्री को इस्तेमाल किया जाना। श्री कवासी लखमा इस विभाग के मंत्री इसीलिए बनाए गए ताकि वे भूपेश बघेल और ऐजाज के इस सिंडीकेट में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकें।
इसी तरह ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन में भी अध्यक्ष का पद इसलिए ही खाली रखा गया ताकि लूट की रकम का शेयर और किसी को नहीं देना पड़े।
छत्तीसगढ़ बदलने के नारे के साथ आयी इस सरकार ने पूरी सरकार को ‘अंडरवर्ल्ड’ के रूप में बदल दिया था। और इस तमाम घोटाले का असली लाभार्थी, असली मास्टरमाइंड और ‘पॉलीटिकल मास्टर’ कौन था, इसके बारे में अब कोई भी संदेह नहीं रह गया है।
नकली होलोग्राम लगाकर घटिया शराब अधिक दाम में बेची गई, इससे 1200 करोड़ रूपए की अवैध कमाई की गई। यह बात भ्रष्टाचार से ज्यादा गंभीर है, जो सरकार जनता की जान की रक्षा करने के बजाय घटिया शराब पिलाकर उसकी जान जोखिम में डाले, ऐसी सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
न केवल शराब घोटाला बल्कि अन्य तमाम घोटाले के तार सीधे तौर पर मुख्यमंत्री निवास से जुड़े हैं। सीएम की सबसे करीबी उप सचिव और अनेक अधिकारी, कांग्रेसी नेता आदि इन मामलों में जेल में बंद है।
हम यह मांग करते हैं कि घोटाले से जुड़े ये सभी मामले की फ़ास्ट ट्रैक में सुनवाई हो।
अगर मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा नहीं देते हैं तो ये तमाम मामले प्रदेश से बाहर सुनवाई कर शीघ्र इस पर फ़ैसला हो।
छत्तीसगढ़ प्रदेश के इस दाग को मिटाने के लिए इस सरकार को सत्ता में एक मिनट भी बने रहने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज संभाग मुख्यालय पर इस सरकार का पुतला दहन कर रही है कल प्रदेश के सभी जिलों में महिला मोर्चा इस सरकार का पुतला दहन करेगी और परसों भारतीय जनता पार्टी का महा धरना किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में भाजपा सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल व प्रदेश मंत्री जगदीश रामू रोहरा उपस्थित थे।