15 दिसंबर से श्रीलंका से निकली ‘रामराज्य युवा यात्रा’ 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। इससे पहले ये ऐतिहासिक यात्रा आगामी 4 जनवरी को छत्तीसगढ़ आयेगी। जहां विभिन्न शहरों में इसका विभिन्न संगठनों और सनातनियों द्वारा स्वागत किया जाएगा। इस यात्रा में सम्मिलित होने हेतु सुदर्शन न्यूज़ के छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख योगेश मिश्रा ने स्टेट गेस्ट हाउस और अस्थायी मुख्यमंत्री निवास पहुना में भेंट करके मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस यात्रा में समिलित होने हेतु आमंत्रित किया। जानकारी के अनुसार अयोध्या पहुंचकर 24 जनवरी तक यात्रा से जुड़े अनुभूतियों और चित्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। 44 दिन में 10 हज़ार किलोमीटर के मार्ग में 8 राज्य, कई नगरों व गाँवों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे, जिसमें उस स्थान के वीडियो बना कर दिखाना, पूजा पाठ, भजन, प्रवचन, सत्संग से संदेश दिया जाएगा।
आयोजन समिति से मिली जानकारी के मुताबिक राम राज्य युवा यात्रा छत्तीसगढ़ के राजिम, गरियाबंद, तुरतुरिया, अंबिकापुर, जांजगीर चांपा जगदलपुर और राजनांदगांव पहुंचेगी। यहां अपने सिर पर चरण पादुका लेकर प्रदोष चव्हाणके प्रभु श्री राम के आदर्शों को संजोए हुए विभिन्न जगहों पर सनातनियों के साथ भ्रमण करते नजर आएंगे। इसके साथ ही जशपुर में भी इस यात्रा के पहुंचने की जानकारी मिली है। छत्तीसगढ़ के बाद ये यात्रा मध्यप्रदेश प्रवेश करेगी। इस यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। रामेश्वरम से ये यात्रा उसी मार्ग पर चल रही है..जिस पर चलकर श्रीराम वनवास का निर्वासन झेलते हुए श्रीलंका तक गए थे…इस ऐतिहासिक यात्रा का नेतृत्व श्री प्रदोष सुरेश चह्वाणके कर रहे हैं। यात्रा का मार्गदर्शन रामायण सर्किट के अध्यक्ष डॉक्टर रामअवतार शर्मा जी कर रहे हैं…जो इस मार्ग पर पूर्व में ही 18 बार यात्रा कर चुके हैं और अपना पूरा जीवन श्रीराम वनगमन पथ की खोज और शोध पर समर्पित कर दिया है।
यात्रा में प्रमुख रूप से शामिल होने वाली विभूतियां
आचार्य महामंडलेश्वर, जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महराज आचार्य सभा के महासचिव,महामंडलेश्वर परमात्मानंद सरस्वती जी महाराज, बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री जी, विख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी के अलावा कई और साधु,संत,कथावाचक और मीडिया के मित्रों के साथ कई धार्मिक विभूतियाँ भी शामिल हो रही हैं,साथ ही जनप्रतिनिधियों और सामाजिक-धार्मिक संगठन के लोग भी बढ़ चढ़ कर इस दिव्य यात्रा में अपना योगदान कर रहे हैं ।रामराज्य युवा यात्रा श्री राम से संबंधित सभी पौराणिक महत्व वाले स्थानों पर जा रही है, यही नहीं श्रीराम के वनवास काल के लोकप्रिय प्रसिद्ध स्थलों पर धर्म संसद, कविता पाठ और पूज्य संतों के समागम कराये जा रहे हैं। साथ ही यात्रा उन महत्वपूर्ण पड़ावों पर भी पंहुच रही है जो अब भी आम जनमानस से अनछुई रह गई है। यात्रा के दौरान हम श्रीराम के जीवन से जुड़े तमाम अनछुए पहलुओं को भी प्रकाश में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
यात्रा के मुख्य उद्देश क्या हैं?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य युवाओं में श्रीराम के चरित्र निर्माण व संस्कारों को बढ़ावा देना, समाज के अंदर के रावणों का अंत करना, परिवारों में प्रबोधन से एकता व आत्मीयता का निर्माण करना, राष्ट्र-धर्म भक्ति को बढ़ावा देना, वनवास के समय श्री राम जी को सहयोग करने वाले वनवासियों का धन्यवाद करना है, क्योंकि प्रभु श्रीराम जी रावण से युद्ध जीतने के बाद अयोध्या पुष्पक विमान से गए थे इसलिए लौटते समय वनवासियों को मिल नहीं पाए थे। इस यात्रा का प्रसारण सुदर्शन न्यूज़ चैनल सहित कई, प्रादेशिक व धार्मिक न्यूज़ चैनलों के साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी किया जा रहा है। जाने माने यूट्यूबर भी यात्रा में सहभागी हो कर इसे करोड़ों लोगों तक पहुंचाने में अपना योगदान दे रहे हैं। यह यात्रा कई मायनों में इतिहास बनाऐगी। अब तक इस प्रकार की यात्रा का आयोजन कभी नहीं हुआ है। यह “राम राज्य युवा यात्रा” ऐतिहासिक होगी।