रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में में आज डिप्टी सीएम और पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने दंतेवाड़ा जिले में सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस मामले में पाँच अधिकारियों को निलंबित किया गया है और ठेकेदार से वसूली करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
क्या है मामला?
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कोरकोट्टी और हिरोली हेल्थ सेंटर तक सड़क निर्माण में हुई अनियमितताओं और शिकायतों के बारे में जानकारी मांगी। चंद्राकर ने ठेकेदार द्वारा अधिक भुगतान लेने और कार्य की गुणवत्ता में कमी पर सवाल उठाए।
मंत्री का जवाब
डिप्टी सीएम शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह सड़क निर्माण कार्य विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है। शिकायतों के आधार पर जिला कलेक्टर दंतेवाड़ा ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति ने भौतिक सत्यापन के दौरान अर्थवर्क, डामरीकरण, पुलिया निर्माण, और अन्य कार्यों में अनियमितताएं पाईं।
कार्रवाई की सूची
मंत्री ने सदन को बताया कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है:
ईई अनिल राठौर: सेवानिवृत्त; जांच जारी।
कार्यपालन अभियंता दामोदर सिंह सिदार: निलंबित; विभागीय जांच।
एसडीओ तारेश्वर दिवान: निलंबित; विभागीय जांच।
सहायक अभियंता आरबी पटेल: निलंबित; विभागीय जांच।
रविकांत सारथी (उप अभियंता): पहले ही निलंबित।
ठेकेदार: वसूली का आदेश और एफआईआर दर्ज।
सदन में हंगामा
सवाल-जवाब के दौरान विधायक चंद्राकर ने सरकार पर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगाया। मंत्री शर्मा ने इन आरोपों का तीखा जवाब दिया, जिससे सदन में हंगामा हो गया। स्थिति को शांत करने के लिए स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने दोनों पक्षों से टोन नीचे रखने और मर्यादा बनाए रखने की अपील की।
आगे की कार्रवाई
सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाया। विधानसभा में यह मुद्दा प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है।