कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग उपस्थित थे। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले में ब्लैक स्पाट का चिन्हांकन करने कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों में सुधारात्मक कार्रवाई कर सड़क दुर्घटनाओ में कमी लाई जा सकता है। उन्होंने जिले में चिन्हांकित ब्लैक स्पॉट की जानकारी और वहां शीघ्र सुधारात्मक कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सड़क किनारे लगे पेड़ों में रेडियम लगाया जाए, जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिले में सड़क किनारे अतिक्रमण होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका अधिक हो जाती है। इसे हटाने के लिए राजस्व, पुलिस विभाग एवं नगर निगम के अधिकारी टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने की संयुक्त कार्रवाई करें। जिससे सड़क दुर्घटना को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समिति सड़क दुर्घटना के कारणों की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें ताकि उन दुर्घटना के कारणों को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों का चिन्हांकन करें जिन स्थानों में अधिक संख्या में मवेशी सड़क पर बैठते हैं। ऐसे स्थानों के आस-पास के लोगों को जागरूक करने कहा। जिससे मवेशी सड़क पर न बैठे। इसके लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने कहा।
कलेक्टर अग्रवाल ने दुपहिया वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से हेलमेट का उपयोग करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने कहा। बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चलाने वालों पर चालानी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को हेलमेट का उपयोग, सीटबेल्ट का उपयोग और क्षमता के अनुरूप सवारी के साथ वाहन चलाने के लिए लोगों को जागरूक करने कहा। उन्होंने नाबालिक बच्चों को गाड़ी नहीं देने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने कहा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिले में स्कूल खुलने वाले हैं। उन्होंने स्कूल बसों और ऑटो का फिटनेश परीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल बसों और ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चे न बैठे, इसके लिए नियमित जांच करने के निर्देश दिए। नियम विरूद्ध स्कूली बस एवं ऑटो के संचालन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में सड़क सुरक्षा के संबंध में बच्चों को जागरूक करें।
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि सड़क दुर्घटना के कई कारण हो सकते हैं। सड़क दुर्घटना स्पीड ब्रेकर और डिवाइडर गलत तरीके से बनने पर, अंधा मोड़, झाड़ी, शराब पीकर वाहन चलाने जैसे कारणों से हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिले में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शहर में ट्रैफिक लाईट जगह-जगह पर लगवाना प्रारंभ किया गया है। शहर में व्यवस्था सुगम रहे, इसके लिए नगर निगम के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने शहर के सड़कों के किनारे अवैध रूप से संचालित ठेले-खोमचे और अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए। जिसके कारण दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है।
उन्होंने कहा जिन स्थानों में आवश्यक हो उन स्थानों में रम्बल स्ट्रीप, ब्रेकर और साइन बोर्ड लगाया जाएगा। उन्होंने शहर में जगह चिन्हांकित कर सड़क सुरक्षा के संबंध एलईडी स्क्रीन के माध्यम से जनजागरूकता लाने सुनिश्चित करने कहा। इसके साथ ही स्कूल, कोचिंग सेंटर, बस स्टैण्ड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों में एलईडी स्क्रीन लगाकर जागरूक करने कहा। उन्होंने कहा कि सड़क किनारे गाड़ी खड़े होने से दुर्घटना होनी की संभावना रहती है। इसके लिए जिले में संचालित ढाबा एवं होटल संचालकों की बैठक आयोजित करने कहा। उन्होंने कहा कि जिस स्थान में सड़क दुर्घटना हुई है उस स्थान में जाकर लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे, पुलिस विभाग समिति के अधिकारी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा। जिससे उस स्थान में सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके। जिससे आगे सड़क दुर्घटना में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सड़क दुर्घटना से प्रभावितों को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए जनसामान्य को जागरूक करना चाहिए। जिससे संबंधितों को आर्थिक रूप से मदद समय पर मिल सके।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डे, अपर कलेक्टर इंदिरा नवीन प्रताप सिंह, नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।