रायपुर। राजभवन में ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ कार्यक्रम के तहत आज छत्तीसगढ़ सहित 05 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता हमें समृद्ध और शक्तिशाली बनाती है।
राजभवन में राज्यपाल डेका के मुख्य आतिथ्य में भारत के राज्यों क्रमशः छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक-दूसरे राज्यों का स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसी कड़ी में राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले इन राज्यों के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम में राज्यपाल डेका ने कहा कि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘ कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं है। यह कार्यक्रम हमारे देश के विभिन्न राज्यों में बसे निवासियों को एक सूत्र में पिरोने का अद्भुत प्रयास है, जिससे भारत की एकता और अखंडता और अधिक मजबूत होगी। डेका ने कहा कि हर राज्य का स्थापना दिवस उस राज्य के इतिहास में और विकास की यात्रा का महत्वपूर्ण दिन होता है। राज्य की समृद्धि और विकास का गवाह यह दिन, हमें अपने राज्य की स्थापना के मूल उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का रास्ता दिखाता है।
डेका ने सभी राज्यों की विशिष्टताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक वातावरण और भौगलिक स्थिति अदभुत है। यहां पर्यटन की बहुत संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जायेगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के चावल की भी प्रशंसा की। आजादी की लड़ाई में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, वहां के वीर सेनानियों को याद किया। पंजाब राज्य के लोगों की दान शीलता का जिक्र किया। पंजाब का इतिहास बलिदानों से भरा हुआ जिस पर हर देशवासी को गर्व है। पंजाब और हरियाणा राज्य ने हरित क्रांति के माध्यम से देश को एक नई ऊर्जा दी।
डेका ने कहा कि इन सभी राज्यों ने भारत के विकास में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। चाहे वह कृषि का क्षेत्र हो, उद्योग, कला खेलकूद, शिक्षा या पर्यटन का क्षेत्र हो, सभी क्षेत्रों में, इन राज्यों का योगदान सराहनीय है। हम सब को मिलकर अपने राज्यों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि, सामाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारे का भी ध्यान रखना है। कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सभी राज्यों की संस्कृति एवं लोक परंपरा आधारित संास्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ का लोक-नृत्य सुआ, सरहुल नृत्य, गेड़ी नाचा, पंजाब का भांगडा, गिद्धा, हरियाणा का घूमर तथा मध्यप्रदेश की जनजातियों के राई नृत्य ने अतिथियों का मन मोह लिया।
विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा और स्मृति चिन्ह भेंट किया। उन्होंने भी राज्यपाल को अपने राज्य की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। पंजाब के प्रतिनिधियों ने डेका को सरोपा भेंट किया।