राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत हितग्राहियों को जल्द पट्टे दिए जाएंगे: राजस्व मंत्री अग्रवाल

प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने रायपुर जिले में राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत पट्टा वितरण के कार्यांे की समीक्षा की। उन्होेंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा के अनुरूप और निर्देशानुसार राजीव गांधी आश्रय योजना के नियम-उपनियम बनाए जा चुके है और इसका राजपत्र में प्रकाशन हो चुका है। इस योजना के तहत रायपुर जिले में हितग्राहियों को जल्द पट्टे वितरण किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत शासकीय भूमि का निःशुल्क पट्टा दिया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि नगर निगम, सीएसईबी, सिंचाई विभाग और सीआईडीसी तथा अन्य विभाग उनके अंतर्गत की भूमि पर जल्द एनओसी प्रदान करें, जिससे जिला प्रशासन द्वारा प्रक्रिया जल्द पूर्ण कर सकें। इस बैठक में वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, महापौर श्री एजाज ढ़ेबर और रायपुर विकास प्राधिकरण श्री सुभाष धुप्पड़ उपस्थित थे।

बैठक में वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा सहित अन्य विधायक तथ जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के प्रति इस योजना के लिए आभार व्यक्त किया। श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने निर्धन तथा जरूरतमंदो की समस्याओं को समक्षा और संवेदनशीलता से उन्हें पट्टे प्रदान करने का निर्णय लिया। जल्द ही इस योजना के हितग्राहियों को पट्टे दिए जाएंगे। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी, अपर कलेक्टर श्री बी.बी पंचभाई, श्री गजेन्द्र ठाकुर सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में आवासहीन व्यक्तियों के लिए पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 की अधिसूचना का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में कर दिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर 20 अगस्त 2017 से लगातार काबिज आवासहीन व्यक्तियों को शासकीय भूमि का निःशुल्क पट्टा दिया जाएगा। राज्य सरकार के नगर निगम क्षेत्र में आवासहीन व्यक्ति 600 वर्ग फीट तथा नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में 800 वर्ग फीट से अनधिक शासकीय भूमि के पट्टे के लिए पात्र होंगे, लेकिन जल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों व सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी जारी नए पट्टे निःशुल्क होंगे तथा सभी प्रयोजनों के लिए इन्हें रियायती पट्टा माना जाएगा।

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