मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में समिति द्वारा राज्य के विभिन्न शहरों में सार्वजनिक परिवहन सुविधा के लिए बसों की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में रायपुर के लिए 100 मिडी ई बस, दुर्ग भिलाई के लिए 50 मिडी ई बस, बिलासपुर के लिए 35 मिडी और 15 मिनी ई बस, और कोरबा के लिए 20 मिडी और 20 मिनी ई बसों की स्वीकृति का प्रस्ताव मंजूर किया गया। इसके साथ ही बीटीएम और बस डिपो की सिविल अधोसंरचना के लिए 70.34 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भारत सरकार को भेजे जाने का अनुमोदन किया गया।
पीएम ई बस सेवा योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करना है। केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई इस योजना के तहत राज्यों को शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। इस योजना के माध्यम से शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिल सके।
पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ
ई-बस सेवा से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और पर्यावरणीय संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही कम ऊर्जा खपत, बेहतर ईंधन दक्षता और आरामदायक यात्रा की सुविधा भी प्राप्त होगी।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव बसवराजू एस, विशेष सचिव वित्त श्रीमती शीतल शाश्वत वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं समिति के सदस्य मौजूद थे।
केंद्रीय सहायता और पारदर्शिता
भारत सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने का प्रयास है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में एक विश्वसनीय और सुलभ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करे, जो मेट्रो के विकल्प के रूप में भी कार्य कर सके।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के तहत नई ई बसों की स्वीकृति से सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होगा, जो पर्यावरणीय और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से लाभकारी होगा।