मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच समन्वय के अभाव की वजह से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है- बृजमोहन

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर- पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस मौके पर नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ प्रदेश को हर संभव सहायता कर रही है, परंतु राज्य सरकार की अपने जनता के प्रति उदासीन है। इस संकटकाल में डीएमएफ फंड की 30% राशि लगभग
600 करोड़ का उपयोग करने की अनुमति केंद्र सरकार ने बहुत पहले दे दी है। बावजूद इस राशि को ये जनहित के कार्यों में ये खर्च नही कर पा रहे। केंद्र की अनुमति के बाद भी आपदा प्रबंधन का भी एक पैसा अभी तक लॉक डाउन प्रभावितों के हित में खर्च नही हुआ है। बृजमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच समन्वय के अभाव की वजह से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के 99 लाख लोगों के पेट की भूख मिटाने के लिए 49 हज़ार टन अनाज भेजा है वही 78 लाख जनधन खाते में 500-500 रुपये डाल दिये गए है। उज्जवला योजना के तहत 2 लाख 27 हज़ार भरा गैस सिलेंडर दिया गया है। किसानों को भी 2-2 हज़ार प्रदान किया गया है। परंतु राज्य सरकार सिर्फ गाल बजाने का काम कर रही है कोई राहत जनता तक उपलब्ध नही करा पा रही है।
उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कि इस संकट के दौर में भी किसानों से खरीदे गए धान की अंतर राशि(बोनस) उपलब्ध नही कराई जा रही है। जिन किसानों ने टोकन लिया है उनकी धान भी अभी तक नही खरीदा गया है। यहा तक कि विधवा, निराश्रित, विकलांग आदि पेंशन की राशि भी उनके खातों में नही भेजी गई है।यह सब बाते सरकार की नाकामी को प्रदर्शित कर रही है।
बृजमोहन ने कहा कि एक ओर सरकार कहती है की प्रदेश में 78 हज़ार लोगों को कोरोनटाईन किया गया है पर कोरोना वायरस जांच के लिए रैपिड एक्शन किट सरकार अभी तक उपलब्ध नही करा पाई है। यह की अतिशीघ्र उपलब्ध कराकर जिला मुख्यालयों में जांच की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि राशन दुकानों में भारी अव्यवस्था है। यहा वितरण व्यवस्था ठीक करने की आवश्यकता है।साथ ही उन्होंने सब्जी बाजारों के विकेंद्रीकरण की बात कही। एक जगह लगने से मेलानुमा भीड़ हो जाने से सोसल डिस्टेंसिंग का पालन नही हो पा रहा है

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