कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सैकड़ों मरीज परिजनों के साथ इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमे कई मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी जाती है जबकि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज और उनके परिजन अस्पताल में ही ठहर जाते हैं। मरीजों को वार्ड में बिस्तर नसीब हो जाता है लेकिन परिजनों को घूम कर अथवा वार्ड में खाली जमीन पर सोकर रात बितानी पड़ती है। इस इस दौरान रेंगती मौत से सामना हो जाए तो मरीज और परिजनों का हाल क्या हो सकता है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
ऐसा ही कुछ मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात भी सामने आया। महिला वार्ड में मरीज और उनके परिजन गहरी नींद सोए हुए थे। बताया जा रहा है कि तड़के करीब 5:30 बजे आंख खुली तो परिजनों के होश उस वक्त उड़ गए, जब उनकी नजर कूलर के पीछे फल फैला कर बैठे नागराज पर पड़ी। यह खबर फैलते ही वार्ड में हड़कंप मच गया। इसके बाद आनन फानन वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को सूचना दी गई। उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही सबसे पहले वार्ड को खाली कराया। इसके बाद फन काढ़ कर बैठे सांप को पकड़ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने मशक्कत के बाद सांप को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर रिलीज किया। तब कहीं जाकर मरीज और परिजनों ने राहत की सांस ली। में जुटी है।