किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, 6 किसान घायल

प्रादेशिक मुख्य समाचार

किसानों ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 9 महीने से कैंप लगाए हुए हैं. 101 किसानों ने पैदल अंबाला की ओर बढ़ते हुए दो बैरिकेड पार कर लिए हैं, लेकिन अब उन्हें हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री के बैरिकेड पर रोक लिया गया है. किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी. MSP, कर्जमाफी और पेंशन की मांगों को लेकर 13 फरवरी से धरना दे रहे किसानों को हरियाणा सरकार ने मार्च नहीं दिया है. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने 11 गांवों में इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है, जो पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर से सटे हैं.

#WATCH हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान किया है। pic.twitter.com/lexC0YqUkZ

— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2024

आंसू गैस के गोले छोड़े, किसान की तबीयत बिगड़ी

दिल्ली की ओर रवाना होने के लगभग एक घंटे बाद किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जिससे एक किसान की तबीयत बिगड़ी है. हालांकि, आंसू गैस से सांस लेने में होने वाली परेशानी से राहत के लिए किसानों को नमक दिया गया है. अब तक 6 किसान आंसू गैस के गोलों से घायल हो चुके हैं, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं और दूसरे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. किसानों ने आंसू गैस के गोलों से बचने के लिए गीली बोरी लेकर आई है, जिससे वे धुएं से बच सकें.

किसानों को रोकने जमीन पर लगाईं कीलें

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने लोहे की कीलें सीमेंट में गाड़ दी हैं ताकि गाड़ियां नहीं चल सकें.

किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि हमें जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में जगह दी जानी चाहिए थी, जहां हम अपनी बात रख सकते थे, और हमारे साथ क्या हो रहा है, पूरी दुनिया देख रही थी. पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे. पंधेर ने कहा कि हमारी उम्मीद है कि सरकार बातचीत का रास्ता खोलेगी, और अगर सरकार हमें दिल्ली नहीं जाने देती तो हम शाम को रणनीति बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को या तो हमें दिल्ली जाने देना चाहिए या फिर बातचीत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें किसी राज्य की सरकार से कोई मतभेद नहीं है.

किसान पुल पर तो लोग खेतों में जुटे

पुल पर 101 किसान और उनके साथ आए लोग खेतों में डटे हुए हैं, और अधिक लोग नीचे हैं. प्रशासन ने पहले ही पुलिस को तैनात कर दिया था, ताकि किसान खेतों की ओर नहीं बढ़ सकें.

सुरक्षा के कहां क्या इंतजाम

खनौरी बॉर्डर: 13 पुलिस कंपनियां, 1 CRPF और 1 BSF कंपनियां तैनात की गई हैं. करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं. 3 JCB, जल कैनन व्हीकल, 3 वज्र वाहन, 20 रोडवेज बसें और 7 पुलिस बसें खड़ी की गई हैं. 30 किमी के क्षेत्र में तीन स्थानों पर त्रिस्तरीय बैरिकेडिंग की गई है.

शंभू बॉर्डर: पुल के नीचे हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के करीब 1000 जवान तैनात हैं, साथ ही वज्र वाहन और एंबुलेंस भी तैनात हैं. पुल के चारों ओर पक्की सीमेंट की दीवारें हैं.

शासन और किसानों के बीच चल रहे तनाव के बीच हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है, जो कृषि संबंधी मुद्दों पर नए आंदोलन का संकेत देता है.

आपको बता दें कि अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे.’’

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च को शुरू करने वाले 101 किसानों को शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जाएगा, उन्होंने कहा कि ये लोग किसी भी उद्देश्य के लिए जान देने को तैयार हैं. पंधेर ने गुरुवार को हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना की और कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे.

किसानों ने बुधवार को अंबाला जिला प्रशासन से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. उनका कहना है कि सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह पहले जत्थे का नेतृत्व करेंगे, जो केवल आवश्यक सामान लेकर चला है.

इससे पहले, किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी. वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित अपनी कई मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं. 13 फरवरी से, वे सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके गए हैं और पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रह रहे हैं.

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