रायपुर । इंदिरा प्रियदर्शनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले की जांच पुनः प्रारंभ करवाने के लिए इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मिलकर धन्यवाद दिया । उन्होने कहा कि जांच पुनः प्रारंभ होने से न्याय की उम्मीद जगी है, ऐसा महसूस होने लगा है कि अब इंदिरा बैंक घोटाले के सभी जिम्मेदारों को उसकी सजा मिलेगी और उनके संरक्षणकत्र्ता राजनीतिक लोग भी इस जांच के दायरे में आएंगे । जनप्रतिनिधि होने के बावजूद यदि बैंक घोटाले में उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो सजा मिलनी चाहिए ।
इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के संयोजक कन्हैया अग्रवाल, शैलेश श्रीवास्तव, शंकर सोनकर, श्रीमती नूरजहां, पुरषोत्तम शर्मा, सुरेश बाफना ने उक्ताशय का बयान जारी करते हुए बताया की मुख्यमंत्री को सौंपे गये ज्ञापन में मांग की गई कि इंदिरा बैंक घोटाले की जांच के लिए पुलिस विभाग को समय अवधि निर्धारित की जावे ताकि निर्धारित समय में जांच पूरी हो सके । जांच के दायरे में जैसा कि न्यायालय ने आदेश किया है तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा के नारको टेस्ट में दिए गए बयानों के अनुरूप की जांच की जावे । इंदिरा बैंक को डुबाने वाले सहकारिता के जिम्मेदारों के खिलाफ भी जांच की जावे । इंदिरा बैंक घोटाले का मुख्य कारण बने फर्जी कंपनियों के संचालकों और उनके संरक्षकों के खिलाफ की कार्यवाही की जावे । घोटाले बाजों को ऋण स्वीकृति किस आधार पर मिली फर्जी एफडीआर कैसे जारी हुए इन सब की भी जांच हो और जिम्मेदारों को इसकी सजा मिले । एक विनम्र निवेदन खातेदारों की जमा पूंजी आपके आदेश से घोटाले बाजों से वसूली करके वापस दिलाई जाए ।
संघर्ष समिति नेे कहा कि हम सबको विश्वास हैं जैसा कि आपने चिटफंड कंपनियों के मामले में जांच और कार्यवाही की है, भुगतान प्रारंभ कराया है निश्चित रूप से इंदिरा बैंक घोटाले के मामले में भी आप के आदेश पर कार्रवाई अवश्य होगी । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को इंदिरा बैंक के संबंधित जानकारिया – दस्तावेज देते हुए खाता धारको नें बैंक घोटाले के अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की । मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया की खाते धारकों की जमा पूंजी का गबन करने वाले और उनके संरक्षणकर्ता बख्शे नहीं जायेगें , उनसे राशि वसूल की जावेगी ।