एनएसयूआई ने की राज्य व केंद्र सूचना आयोग से शिकायत

प्रादेशिक मुख्य समाचार

एनएसयूआई रायपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने 5 फरवरी को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एमिटि विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी थी। लेकिन उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने 28 फरवरी को पत्र भेजकर Definition of Public Authority under 2 (h) RTI Act, 2005 का हवाला देते हुए सूचना देने से इंकार कर दिया। प्रशांत गोस्वामी ने कहा कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने इसकी शिकायत राज्य व केंद्र सूचना आयोग से की है।

उन्होंने बताया कि Act 1956 के तहत संचालित है एवं एमिटि विश्वविद्यालय पूर्णतः छत्तीसगढ़ राज्य अधिनियम के अंतर्गत आती है। इनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिसकी शिकायत राज्य व केन्द्र सूचना आयोग को की गई ! दिखावे के लिए इन्होंने युनिवर्सिटी के ऑफिसियल वेबसाइट में RTI Act. 2005 के तहत Appellate Officer and Public Information Officer को नियुक्त कर रखा है, विश्वविद्यालय द्वारा सूचना न प्रदान करना पूर्णतः असंवैधानिक है जो An Act of State Legislature of Chhattisgarh as a Private University की भी धज्जियां उड़ाता है एवं जानकारी न देकर सूचना को छुपाने से यह प्रतीत होता है कि इस विश्वविद्यालय में अनेक कार्य असंवैधानिक रूप से कियान्वित हो रहें है। NSUI सभी छात्र छात्राओं का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते है कि इस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को कार्यालाय आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन, ब्लाक-डी, अटल नगर जिला रायपुर, छ.ग. के द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 12वीं से उच्चतर) प्राप्त होती है एवं विश्वविद्यालय शासकीय प्रोजेक्ट पाने के लिए भी स्वतंत्र है।

उन्होंने कहा कि एमिटी यूनिवर्सिटी में व्याप्त अनियमितताओं के विरुद्ध NSUI के बैनर तले अनेक अंदोलन हो चुके है  साथ ही इसकी लिखित शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा संचनालय UGC भारत सरकार और PURC को की गई। पूर्व में भी NSUI द्वारा विश्वविद्यालय में व्यापत अनियमितताओं के संबंध में शिकायत पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति, छ.ग. निजी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं राज्यपाल के समक्ष की जा चुकी है परंतु इस संबंध में कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। एनएसयूआई इसकी कड़ी निन्दा करता हैं। अगर इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की तो छात्र-छात्राओं के हित में आंदोलन किया जाएगा।

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