दोनों बेटों को भी बुलाया, सीएम बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा के परिजनों को ईडी ने किया तलब

प्रादेशिक मुख्य समाचार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने बुधवार को कहा कि उनके परिवारिक सदस्यों को ईडी की ओर से समन किया गया है। उन्होंने कहा कि ईडी ने मेरे दोनों बेटों को भी तलब किया है। सनद रहे विनोद वर्मा से कथित सट्टेबाजी और जुआ ऐप से संबंधित एक मामले में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने पिछले हफ्ते पूछताछ की थी। विनोद वर्मा ने एक्स पर परिवार के सदस्यों के साथ एक तस्वीर पोस्ट की और कहा कि उन्होंने उनको रायपुर स्थित ईडी कार्यालय में छोड़ दिया है।

हालांकि, विनोद वर्मा ने यह नहीं बताया कि इन लोगों को किस मामले में तलब किया गया है। विनोद वर्मा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा- ईडी ने अब मेरे परिवार को बुलाया है। मैंने अपने दो बेटों पुर्नवसु और तथागत और बहनोई तुकेंद्र वर्मा को ईडी कार्यालय में छोड़ दिया है। मेरी पत्नी जया को कल बुलाया गया है। एजेंसियां उनके आदेश पर जो चाहें कर सकती हैं लेकिन वे भूपेश बघेल और उनकी टीम का मनोबल नहीं तोड़ सकती हैं।

ईडी ने 28 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विनोद वर्मा और मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) मनीष बंछोर के बयान दर्ज किए थे। कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप ‘महादेव ऑनलाइन बुक’ में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी ने 23 अगस्त को विनोद वर्मा और दो ओएसडी आशीष वर्मा एवं मनीष बंछोर की संपत्तियों पर छापा मारा था। मामले में सहायक उपनिरीक्षक चंद्रभूषण वर्मा, कथित हवाला ऑपरेटर बंधु अनिल और सुनील दम्मानी और सतीश चंद्राकर को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

ईडी के सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर छत्तीसगढ़ में उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं को प्रभावित करने के लिए विनोद वर्मा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल किया। उसने दुबई से प्राप्त हवाला फंड का भी इस्तेमाल किया। ईडी ने कहा था कि दुर्ग जिले के एक शहर भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऐप के मुख्य प्रवर्तक हैं। दोनों ही दुबई से कारोबार संचालित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्रवाई के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की थी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया था कि उनके सहयोगियों पर ईडी और आयकर विभाग के छापे राज्य सरकार को बदनाम करने का प्रयास है। वहीं विनोद वर्मा ने 24 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके पास गलत तरीके से कमाया गया एक पैसा भी नहीं है। विनोद वर्मा ने ईडी की छापेमारी को डकैती करार देते हुए दावा किया था कि एजेंसी ने खरीद के बिल दिखाने के बावजूद उनके घर से मिले आभूषण जब्त कर लिए।

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