बिलासपुर, दीपावली पर्व के दौरान अस्थायी रूप से फटाका दुकान लगाने वाले दुकानदारों को सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए अग्निशमन यंत्र रखना आवश्यक होगा। इसके साथ ही उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतने के निर्देश जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नगर सेना ने दिए है। फटाका दुकान किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कि कपड़ा, बास, बल्ली, रस्सी आदि के स्थान पर अज्वलनशील सामग्री जैसे लोहे के धातु से बने शेड द्वारा निर्मित होना चाहिए। ऐसी सामग्री जो जलने पर जहरीली धुआं देती हो, वह प्रतिबंधित रहेगी।
दुकान संचालकों द्वारा नायलोन, सिंथेटिक रस्सी का उपयोग न किया जाए। बांधने के लिए धातु के तार का उपयोग करना होगा। प्रत्येक फटाका दुकान चारों तरफ से एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी पर बनाई जाए। प्रकाश की व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार के तेल का लैंप, गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। फटाका दुकान के क्षेत्र में 100 मीटर के अन्दर आतिशबाजी का प्रदर्शन प्रतिबंधित होगा। फटाका दुकान परिसर में प्रकाश की समुचित व्यवस्था होना चाहिए एवं आपातकालीन स्थिति मंे एमरजेंसी लाईट की व्यवस्था होनी चाहिए। विद्युत तारों के ज्वाईंट खुला नहीं होने चाहिए एवं प्रत्येक मास्टर स्विच में फयुज या सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए, जिससे शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बन्द हो जाए। दुकान के आस-पास ट्रांसफार्मर या हाई टेंशन लाईन नहीं होना चाहिए। प्रत्येक फटाका दुकान में 5 किलो क्षमता का डीसीपी अग्निशामक यंत्र कम से कम 2 नग, 1 नग भरी हुई 200 लीटर पानी ड्रम एवं रेत भरी बाल्टी होनी चाहिए। फटाका दुकान परिसर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था कम से कम 100 की दूरी पर होना चाहिए। फटाका दुकान में आपातकालीन सेवाओं के दूरभाष नम्बर यथा पुलिस कंट्रोल रूम, फायर स्टेशन एवं एम्बुलेंस का नंबर अंकित होना चाहिए। अग्निशमन वाहन के मूव्हमेंट के लिए पण्डाल के चारों तरफ 4.5 मीटर का खुला एवं समतल क्षेत्र होना चाहिए तथा यह क्षेत्र सभी प्रकार की ज्वलनशील पदार्थाें से मुक्त होना चाहिए। दुकान संचालक की तरफ से एक जिम्मेदार व्यक्ति हमेशा फटाका दुकान पर होना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के अप्रिय घटना होने पर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।