CSPDCL आगजनी के दौरान CM सचिव दयानंद के साथ कलेक्टर, एसपी, आयुक्त, सीईओ ने खुद संभाला मोर्चा,फील्ड पर रहे तैनात

प्रादेशिक मुख्य समाचार

CSPDCL के गुढ़ियारी स्थित सब डिवीजन दफ्तर में हजारों की संख्या में रखे ट्रांसफॉर्मरों में लगे आग पर काबू पाने के लिए जिस शिद्दत से अधिकारी-कर्मचारी जुटे वह एक मिसाल है. बिजली विभाग प्रमुख और मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद से लेकर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, एसपी संतोष सिंह, रायपुर निगम आयुक्त और जिला पंचायत सीईओ इस दौरान खुद मौके पर मौजूद रहते हुए कार्य की निगरानी करते रहे.

दोपहर ढाई बजे का वक़्त रहा होगा. आग की ख़बर से हड़कंप मच गया था. कलेक्टर गौरव सिंह के पास भी ख़बर पहुँच गई. उन्होंने फोन पर दूसरे अधिकारियों से बातचीत की. बातचीत करते-करते अपनी गाड़ी पर सवार हुए और तत्काल घटना स्थल की ओर रवाना हो गए. घटनास्थल लोगों की भीड़ थी. कई घरों से लोगों की भागने की स्थिति थी. कलेक्टर ने अपने अधिकारियों के साथ मोर्चा संभाला. लोगों की भीड़ जमा न करने की समझाइश दी. फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने में मदद की.

आगजनी के दौरान आग पर काबू पाने के साथ आस-पास की बस्तियों से लोगों को हटाना भी एक अहम काम था. इसके लिए कलेक्टर गौरव सिंह के साथ पूरा जिला प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा गया. साथ में रायपुर एसएसपी संतोष सिंह भी विभाग के तमाम अधिकारी और जवान के साथ डटे हुए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कलेक्टर गौरव सिंह के जूते को पार कर एक नुकीला कील उनके पैर में गड़ गया. मौक पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कलेक्टर का प्राथमिक उपचार किया.

आगजनी की इस घटना पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चिंता भी देखने को मिली, जो शुक्रवार देर शाम मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. स्थिति की जानकारी लेने के बाद सीएम ने कहा कि यह दुखद घटना है. बड़ा नुक़सान हुआ है. मामले की जांच की जाएगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन के साथ-साथ लोगों से मिले सहयोग का जिक्र किया.

CSPDCL के कार्यालय में खुले में रखे हुए हजारों ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरण आगजनी में जलकर खाक हो गए. करीब आठ एकड़ कार्यालय परिसर में रखे 4 हजार ट्रांसफार्मरों में 4 घंटे तक धमाके होते रहे. वहीं स्टोर के पास 33 केवी के सबस्टेशन के कुछ हिस्सा भी आग की चपेट में आ गए, लेकिन सब-स्टेशन को खाक होने से बचा लिया गया. इस भीषण आगजनी से बिजली कंपनी को करीबन 80 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

भीषण आग लगने के बाद घटनास्थल से लगे तीन किलोमीटर तक पूरे रास्ते को खाली कराकर बंद कराया गया, जिससे किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही पुलिस ने आस-पास के घरों को भी एहतियातन खाली करवाया गया. घर खाली करने की अपील किए जाने पर एक महिला भावुक होकर रोने लगी, क्योंकि भीषण आग की वजह से उसे अपना घर छोड़ना पड़ रहा था. लेकिन जिस तरह की विभीषिका देखने को मिल रही थी, उसे भी मजबूरी में घर को छोड़ना पड़ा.

बिजली विभाग सब डिवीजन आगजनी के राहत कार्यों का आज सुबह कलेक्टर डॉ गौरव सिंह जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राजस्व अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के निर्देश दिए. मौके पर ही राजस्व अधिकारियों ने मुआवजे राशि का वितरण किया. कलेक्टर के निर्देश पर अब तक 40 परिवारों को 3 लाख 60 हजार रुपए की राहत राशि का वितरण किया गया है.

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