राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि चिकित्सक का धर्म सबसे पहले मरीजों की सेवा करना है। चिकित्सक मरीजों के लिए भगवान की तरह होते हैं। उन्होंने चिकित्सा के विद्यार्थियों से गरीब मरीजों की सेवा करने का आवाहन किया। उक्त उद्गार राज्यपाल ने रायपुर इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कैथ लैब के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये।
श्री हरिचंदन ने कहा कि चिकित्सा के विद्यार्थियों को शिक्षा पूरी करने के बाद समाज और देश की सेवा करना चाहिए। विशेषकर ऐसे मरीजों का इलाज करना चाहिए जो गरीबी के कारण अपना इलाज अन्यत्र नहीं करा पा रहें हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा का पेशा, श्रेष्ठ पेशों में से एक है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड-19 का सामना अत्यंत साहस के साथ किया और देश-दुनिया को दिखा दिया कि भारत चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में मानवता की सेवा करके एक मिसाल कायम की। आपदा के इस समय के दौरान डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने हमारे हौसले बुलंद रखे थे। उन्होंने ने कहा कि आपके द्वारा अक्षरशः ली गई सेवा की शपथ का पालन करते हुए, आपने पूरे देश के प्रति कर्तव्य और समर्पण का अर्थ समझाया है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में सफलता हासिल करे और समाज और राष्ट्र की सेवा करें। इस अवसर पर राज्यपाल को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
कार्यक्रम में रिम्स के कार्यकारी निर्देशक डॉ. के. के. वाधवा, डॉ. गम्भीर, डॉ. आदिले, फैकल्टी मेंबर एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।