रायपुर. छत्तीसगढ़ में इस बार एसी, कूलर के सीजनल काराेबार काे माैसम ने बड़ा झटका दिया है। इसका असर यह हुआ है कि सीजन में 300 करोड़ का फटका कारोबारियों काे लग गया है। सबसे ज्यादा नुकसान कूलर कारोबारियों को हुआ है। इसका करीब 60 फीसदी कारोबार प्रभावित हुआ है। जहां तक एसी का सवाल है तो इसका कारोबार करीब 40 फीसदी कम हुआ है, लेकिन एसी का कारोबार साल भर चलने के कारण इनका कारोबार आगे होने की संभावना है, लेकिन कूलर कारोबारियों का स्टॉक डंप हो गया है, उनको अगले साल का इंतजार करना पड़ेगा।
फ्रिज का कारोबार भी 30 फीसदी तक प्रभावित हुआ है।प्रदेश के कारोबारियों को इस बार गर्मी के सीजन में अच्छे कारोबार की संभावना थी। पिछला सीजन कोरोना काल के बाद काफी अच्छा गया था। पिछले साल तो कूलरों की बॉडी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। इसी के साथ सीजन में 20 फीसदी तक कारोबार भी ज्यादा हुआ था। इस बार कारोबारियों ने अच्छे कारोबार की संभावना के हिसाब से दिसंबर और जनवरी में ही भरपूर स्टॉक मंगा लिया था। लेकिन एक तो गर्मी देर से प्रारंभ हुई जिसके कारण बाजार की रफ्तार सुस्त रही, इसके बाद मौसम की मार पड़ गई।
एसी 40 फीसदी कम बिके
कारोबारियों के मुताबिक एसी, कूलर, फ्रिज की बिक्री के लिए अप्रैल और मई का माह ही पीक रहता है। लेकिन इस बार ठीक अप्रैल में मौसम बदला और लगातार बारिश हुई। इसके बाद मई के पहले सप्ताह में भी बारिश के कारण मौसम ठंडा हो गया। इसका असर यह हुआ कि सीजन के पीक में ही कारोबार चौपट हो गया। अप्रैल और मई के माह में सबसे ज्यादा बिक्री होती है। एसी कारोबारियों के मुताबिक अब तक एसी का 40 फीसदी कारोबार प्रभावित हो गया है। गर्मी के सीजन में सीजन में करीब 70 हजार एसी बिक जाते हैं। 25 हजार से लेकर एक से डेढ़ लाख तक के एसी आते हैं। इससे ज्यादा महंगे एसी भी मिलते हैं। कुल मिलाकर इसका तीन सौ करोड़ का कारोबार हो जाता है। लेकिन इस बार मुश्किल से दो सौ करोड़ का कारोबार हो सका है।
कूलर का 60 फीसदी स्टॉक डंप
कूलर के थोक कारोबारी कमल ग्वालानी के मुताबिक मौसम की मार पड़ने के बाद तो चिल्हर कारोबारी खरीदारी करने ही नहीं आए। उसके पास रखा स्टॉक भी नहीं बिक सका। कूलर का इस बार 60 फीसदी कारोबार प्रभावित हुआ है। अब यह इस साल तो बिक नहीं पाएगा, इसके लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा। कारोबारियों के मुताबिक सीजन में सबसे ज्यादा करीब चार लाख कूलर बिकते हैं। लोकल कूलर की कीमत चार से छह हजार और ब्रांडेड कंपनियों के कूलर 8 से 12 हजार तक मिलते हैं। इसका कारोबार करीब दो सौ करोड़ का होता है। लेकिन इस बार सौ करोड़ से भी कम का कारोबार हो सका है। सौ करोड़ का कारोबार फ्रिज का हो जाता है। लेकिन फ्रिज 50 से 60 लाख के ही बिके हैं। कुल मिलाकर सीजन में छह सौ करोड़ का कारोबार होता है, लेकिन इस बार तीन सौ करोड़ के आस-पास ही कारोबार हो सका है।
