रायपुर । छत्तीसगढ़ के शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 24 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर हड़ताल और धरना प्रदर्शन करेंगे, जिससे प्रदेश के हजारों स्कूल बंद रहने की संभावना है। इस हड़ताल का आयोजन “छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा” के बैनर तले किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के चार प्रमुख शिक्षक संघ एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए आवाज उठा रहे हैं। शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश का आवेदन भी जमा कर दिया है, और जिला मुख्यालयों पर धरना, रैली और ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई गई है।
मुख्य मांगे और आंदोलन के उद्देश्य
शिक्षक संघर्ष मोर्चा की प्रमुख मांगों में सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करना, क्रमोन्नति वेतनमान देना, पुरानी पेंशन योजना लागू करना और केंद्र के समान महंगाई भत्ता प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, “पूर्व सेवा गणना मिशन” के तहत 20 साल की सेवा में पूर्ण पेंशन देने की मांग की जा रही है।
शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, मनीष मिश्रा और विकास राजपूत ने कहा कि शिक्षकों की ये मांगें लंबे समय से लंबित हैं और अब तक इन्हें लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 के घोषणा पत्र में भी इन मुद्दों को शामिल किया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें
सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करना: समस्त एलबी संवर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान प्रदान किया जाए।
पुनरीक्षित वेतनमान का सही निर्धारण: 1.86 के गुणांक पर सही वेतन निर्धारण।
पुरानी पेंशन योजना लागू करना: पूर्व सेवा अवधि की गणना कर 20 साल की सेवा में पूर्ण पेंशन का प्रावधान।
समयमान/क्रमोन्नति का आदेश: उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश के तहत पात्र शिक्षकों के लिए आदेश जारी करना।
केंद्र के समान महंगाई भत्ता: 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता और जुलाई 2019 से एरियर का समायोजन।
धरना और रैली की तैयारी
शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सभी शिक्षकों और शिक्षक संगठनों से अपील की है कि वे 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालयों में धरना, प्रदर्शन और रैली में शामिल हों। इसके अलावा, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, और अन्य संबंधित अधिकारियों के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इस हड़ताल का सीधा असर राज्य के हजारों स्कूली बच्चों पर पड़ेगा, क्योंकि शिक्षकों के प्रदर्शन के कारण कई स्कूलों में पढ़ाई बाधित रहेगी।