मुंगेली। जिले में धान खरीदी में गड़बड़ी करने वालों पर प्रशासन का डंडा चल रहा है, जिससे सहकारिता विभाग में हड़कंप मच गया है. दरअसल जिले में धान शॉर्टेज के नाम पर गबन का जो खेल है वो कोई नया नहीं बल्कि पुराना है. कुछ समितियों में कुछ हद तक वास्तविकता में शॉर्टेज की स्थिति निर्मित होती है, जो प्राकृतिक रूप से होता और यह भौतिक सत्यापन में क्लियर भी हो जाता है कि धान में कमी कैसे आई, लेकिन कुछ समितियों में शॉर्टेज के नाम पर जानबूझकर लाखाें-करोड़ों रुपए का धान गबन कर व्यारा न्यारा कर दिया जाता है.
जानकारों का कहना है कि जिला स्तर पर विभागीय अफसरों द्वारा जब दोषियों पर कार्रवाई की जाती है तो संभागीय कार्यालयों या फिर कोर्ट से राहत पा जाते हैं. इसके पीछे की बड़ी वजह है धान खरीदी को लेकर शासन स्तर पर बनाई गई गाइडलाइन और अनुबंध, जिसे समय और परिस्थितियों के अनुसार न सिर्फ बदलने की जरूरत है बल्कि टाइट करने की भी जरूरत है, ताकि दोषी कर्मचारियों को बचने का मौका न मिल सके.
बताते हैं कि धान खरीदी में त्रिस्तरीय अनुबंध लचीला होने के चलते शॉर्टेज की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन मुंगेली जिले में इस बार जिस तरीके से प्रशासन और पुलिस का धान खरीदी में आर्थिक रूप से अनियमितता करने वालों पर डंडा चल रहा है उससे हड़कंप मचा हुआ है. पहले एफआईआर तक ही मामला सीमित रहता था और कोर्ट के सहारे मामले शिथिल हो जाते थे, लेकिन इस बार कलेक्टर राहुल देव ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का डंडा इस कदर चलाया कि दोषियों को जेल भी जाना पड़ रहा है.
दरअसल जिले के 60 से ज्यादा धान उपार्जन केंद्रों में करीब 60 हजार क्विंटल धान अब भी रिकॉर्ड में धान उपार्जन केंद्रों में रखा हुआ है, जो भौतिक सत्यापन में नजर नहीं आ रहा है. यह धान खरीदी कार्य में अनियमितता की पराकाष्ठा पार है. इधर 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू होने को है. ऐसे में प्रशासनिक एक्शन की रफ़्तार काफी तेज हो गई है. अब पढ़िए सिलसिलेवार धान अनियमितता का मामला और उस पर हुई कार्रवाई.
55 लाख रुपए का धान गबन
धान उपार्जन केन्द्र विचारपुर, जुनवानी और सिंघनपुरी धान खरीदी केंद्र में 55 लाख रुपए से अधिक राशि के गबन के मामले में कलेक्टर राहुल देव एवं पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. संबंधित केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध आईपीसी की धारा 420 और 409 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है. कलेक्टर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शासन को वित्तीय क्षति पहुंचाने वालों के विरूद्ध जिला प्रशासन सख्त है. नियमानुसार वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि धान खरीदी में गबन के मामले में संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
भौतिक सत्यापन में क्या मिल रहा ?
गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी में किसी तरह की अनियमितता होने से रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर खरीदी केंद्रों की समय-समय पर जांच/भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें विचारपुर धान उपार्जन केंद्र में केंद्र प्रभारी वेदप्रसाद गबेल द्वारा 18 लाख 72 हजार रुपए से अधिक राशि के लगभग 604 क्विंटल मोटा धान का गबन किया गया. इसी तरह पथरिया विकासखंड के धान खरीदी केंद्र जुनवानी में खरीदी वर्ष 2023-24 में किसानों से कुल 69,797 क्विंटल धान खरीदी की गई, जिसमें से 52,331 क्विंटल धान का परिदान हुआ. भौतिक सत्यापन करने पर उपार्जन केंद्र में केवल 17,109 क्विंटल धान बचा हुआ था, शेष लगभग 356 क्विंटल धान का केन्द्र प्रभारी भीखम वर्मा द्वारा हेराफेरी करते हुए गबन किया गया, जिसकी कीमत 11 लाख रुपए से अधिक है.
लालपुर थाना अंतर्गत उपार्जन केंद्र सिंघनपुरी में खरीदी केंद्र प्रभारी होरीलाल जायसवाल के द्वारा 25 लाख 37 हजार रूपए से अधिक की राशि के लगभग 818 क्विंटल से अधिक धान का गबन किया गया. सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग हितेश श्रीवास ने बताया कि कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मैनेजर और सुपरवाइजर द्वारा धान खरीदी में गबन के मामले पर तीनों केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया गया है. उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न उपार्जन केंद्रों में अब तक ढ़ाई करोड़ से अधिक की राशि का धान के गबन के मामले पर कार्रवाई की जा चुकी है.
धान खरीदी में अनियमितता के मामले में पिछले वर्ष और इस वर्ष मिलाकर अब तक कुल 10 एफआईआर कराया जा चुका है. छटन और गुरूवाईनडबरी में भी धान खरीदी में गबन मामले में कार्रवाई हुई थी. बता दें कि एक माह के भीतर लोरमी विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र गुरूवाइनडबरी एवं मुंगेली विकासखण्ड के छटन में भी अनियमितता के मामले में भी बड़ी कार्रवाई की गई थी. गुरूवाईडबरी में आरोपी रामदास बंजारे ने धान खरीदी केंद्र प्रभारी रहते हुए फर्जीवाड़ा कर शासन को लगभग 91 लाख 68 हजार से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर गिरफ्तार किया गया. रामदास बंजारे द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में धान खरीदी के दौरान बेईमानीपूर्वक 25 सौ क्विंटल से अधिक धान का गबन किया गया था.
इसके साथ ही किसानों से खरीदे गए धान में से 600 बोरी धान को बेईमानीपूर्वक बिक्री करने के लिए श्याम राईस प्रोडक्ट बरेला के ट्रक क्रमांक सीजी 12 एस 2108 में लोड कराया गया था. इसी तरह धान उपार्जन केंद्र छटन में 49 लाख 04 हजार रुपए से अधिक कीमत का कुल 1582 क्विंटल धान कम पाया गया था. जांच में खरीदी प्रभारी पूर्णेंद्र यादव द्वारा गबन एवं धोखाधड़ी करते हुए शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया, जिसके बाद फरार चल रहा था, जिसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई.