रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि किसान न्याय योजना के नाम पर प्रदेश सरकार एक बार फिर प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय करके उनकी आँखों में धूल झोंकने का शर्मनाक कृत्य करने जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले खरीफ सत्र के धान मूल्य की अंतर राशि का अब 04 किश्तों में भुगतान करने का प्रदेश सरकार का फैसला कोरोना संकट के इस काल में किसानों के साथ भद्दा मजाक है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि एक तरफ प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ प्रदेश सरकार फिर छलावा कर रही है। यह प्रदेश सरकार की किसान न्याय योजना नहीं, किसान अन्याय योजना है। प्रदेश सरकार ने पहले पूरे धान मूल्य (25सौ रु. प्रति क्विंटल)का एकमुश्त भुगतान कर देने की शेखी बघारी और बाद में समर्थन मूल्य की राशि देकर शेष अंतर राशि के भुगतान के लिए दी गई मियाद बढ़ाती गई। अब तो प्रदेश सरकार ने उस अंतर राशि के 04 किश्तों में भुगतान की बात करके हद ही कर दी है। डॉ. सिंह ने कहा कि एक तरफ कोरोना संकट में केंद्र सरकार सबकी चिंता कर रही है, तब प्रदेश सरकार किसानों के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाकर अपने राजनीतिक पाखंड की पराकाष्ठा कर रही है। धान मूल्य की अंतर राशि के 04 किश्तों में भुगतान का फैसला किसानों की आँखों में धूल झोंकना है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार को किसानों की चिंता कर उनकी हरसंभव सहायता करना था; लेकिन प्रदेश सरकार तो धान मूल्य की अंतर राशि का भुगतान भी एकमुश्त नहीं कर रही है, जिसका उसने वादा किया था। डॉ. सिंह ने कहा कि दो साल के बकाया बोनस भुगतान के अपने वादे से अब साफ मुकर रही कांग्रेस और प्रदेश सरकार धान मूल्य की अंतर राशि में कटौती कर कम राशि का भुगतान कर किसानों की आँखों में धूल झोंकने पर आमादा है। इसके लिए किसान इस सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे। प्रदेश सरकार 150 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से चार किश्तों में 600 रुपए का भुगतान करने जा रही है जबकि अंतर राशि का भुगतान 685 रुपए (मोटा धान) और 665 रुपए (पतला धान) प्रति क्विंटल के हिसाब से होना है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि एक तो प्रदेश सरकार कोरोना संकट में किसानों को सहायता के नाम पर एक धेला नहीं दे रही है, उल्टे अंतर राशि में कटौती करके वह भी 04 किश्तों में देकर किसानों के साथ खुला अन्याय कर रही है।