उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्र की प्रगति में तेजी लाने के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।
श्री धनखड़ ने शनिवार को यहां आकाशवाणी की वार्षिक डाॅ. राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान माला-2023 में ‘एक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय’ विषय पर कहा कि गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए विदेशी मुद्रा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यापार, उद्योग और व्यवसाय से आर्थिक राष्ट्रवाद को बनाए रखा जाना चाहिए।
उन्होंने प्रत्येक नागरिक को इसके प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री धनखड़ ने कहा कि लाभ के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इससे अर्थव्यवस्था को भारी उछाल मिलेगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले भारत दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था और अब दुनिया की पांच मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में प्रत्येक नागरिक का योगदान रहा है। श्री धनखड़ ने कहा कि आज पूरी दुनिया वैश्विक मामलों पर एक अग्रणी आवाज के रूप में भारत को देखती है।