चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से रुक रुक कर बारिश हो रही है. इस बीच गरियाबंद जिले के धान खरीदी केंद्रों में समय पर सुरक्षा घेरा तैयार करवा लेने के चलते धान भीगने से बच गए. 90 खरीदी केंद्र में पड़े 36 हजार मीट्रिक टन धान पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
जिले में पहली बार ऐसा हुआ कि बेमौसम बारिश ने धान खरीदी केंद्र की व्यवस्था नहीं बिगाड़ पाई. जिले में 4 दिसंबर से रुक रुक कर बारिश हो रही है. खरीदी पूरी तरह से ठप्प पड़ा है, लेकिन जिले के 67 सहकारी समिति के 90 खरीदी केंद्र में 36 हजार मीट्रिक टन धान मौजूद है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है. धान की सुरक्षा को लेकर कलेक्टर आकाश छिकारा ने तीन चरणों में बैठक लेकर सुरक्षा की बेहतर रणनीति बनाया, जो कारगर साबित हुआ.
मार्कफेड के डीएमओ अमित चंद्राकर ने सुरक्षा की पुष्टि करते हुए कहा कि समितियों को समय पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1.20 करोड़ रुपए जारी किया गया. कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक बारिश से बचाने समय पर सुरक्षा सामग्री उपलब्ध हो गया.
चुनाव के व्यस्तता के बीच बनाई रणनीति कारगर साबित हुई
प्रशासन ने शुरू से ही धान उठाव पर फोकस किया. अब तक 1 लाख मीट्रिक टन की कूल खरीदी में 64 हजार मीट्रिक टन का उठाव बारिश से पहले कर लिया गया. केंद्रों में मौजूद 36 हजार मीट्रिक टन के लिए भी 98 प्रतिशत मात्रा के उठाव के लिए मिलर्स को डीओ जारी किया गया. बारिश से पहले फड़ों में तय बफर लिमिट पर धान की मात्रा मौजूद थी. इसके रखरखाव के लिए कलेक्टर छिकारा ने न केवल समिति प्रबंधक और नोडल की बैठक लिए, बल्कि एक कंट्रोल रूम भी बनाया. चुनाव के व्यस्तता के बावजूद न केवल सहकारिता बल्कि खाद्य, राजस्व की संयुक्त जिला अफसरों की टीम से मॉनिटरिंग कराया. नतीजतन आज खरीदी केंद्रों में धान सुरक्षित है.