डीएमएफ घोटाला: निलंबित IAS रानू साहू की जमानत रद्द, कोर्ट का बड़ा फैसला

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रायपुर : निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को बुधवार को एसएबीआई और ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। मंगलवार को इस याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने ईडी की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि रानू साहू का इस मामले से कोई संबंध नहीं है और एफआईआर गलत तरीके से दर्ज की गई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।

पूर्व महाधिवक्ता वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज

एसएबीआई और ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया। वर्मा पर अपने पद का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप है, जिसके तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना जांच प्रक्रिया पर असर डाल सकता है। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया।

दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने ईडी की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि रानू साहू का इस मामले से कोई संबंध नहीं है और एफआईआर गलत तरीके से दर्ज की गई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।

निलंबित IAS रानू साहू की मुश्किलें बढ़ीं, डीएमएफ घोटाले में ED ने 22  अक्टूबर तक लिया रिमांड पर - Suspended IAS Ranu Sahu remanded to ED custody  till October 22 in DMF

पूर्व महाधिवक्ता वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज

एसएबीआई और ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया। वर्मा पर अपने पद का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप है, जिसके तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना जांच प्रक्रिया पर असर डाल सकता है। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया।

क्‍या है डीएमएफ फंड

जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) एक ट्रस्ट है, जो छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित है। इसका उद्देश्य खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित में काम करना है। डीएमएफ को खनिकों के योगदान से वित्त पोषित किया जाता है, ताकि खनन गतिविधियों से प्रभावित समुदायों को सहायता और लाभ मिल सके।

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