रायपुर। पहले चरण के चुनाव प्रचार की समाप्ति के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि पहले चरण और दूसरे चरण दोनों चरणों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। पहले चरण में बस्तर की 12 सीटों के साथ सभी 20 सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी। बस्तर का आदिवासी भाजपा के 15 साल के कुशासन को भुला नहीं है जब आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को बंधक बनाकर रखा गया था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आदिवासी समाज के सर्वागीण विकास की योजनायें बनाई गयी, तेंदूपत्ता संग्राहकों की प्रतिमानक बोरा 2500 से बढ़ाकर 4000 किया गया जो फिर से कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 6000 रू. होगा। साथ ही अब वनोपजों की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा कभी नहीं चाहती कि आदिवासी वर्ग आर्थिक और शैक्षणिक रूप से आत्मनिर्भर बने। भाजपा आदिवासियों का और उनकी संस्कृति का हमेशा से दमन करना चाहती है। भाजपा यदि आदिवासियों का हित चाहती तो अभी तक आदिवासी समाज का आरक्षण बिल 10 माह से ज्यादा समय से राजभवन में अटका हुआ नहीं होता। कोर्ट ने आदिवासी समाज का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटाकर 20 कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर आदिवासी समाज का आरक्षण फिर से 32 प्रतिशत किया, ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत, एससी का 13 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत आरक्षण किया। यह आरक्षण संशोधन विधेयक भाजपा की साजिश एवं षड़यंत्र के कारण पिछले 10 माह से राजभवन में रोका गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि पूर्व के रमन सरकार के 15 साल के दौरान सबसे ज्यादा पीड़ित, प्रताड़ित और शोषित आदिवासी वर्ग ही था। आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करने के लिए उनके कानूनी अधिकारों का हनन करने का काम भाजपा सरकार करती रही। 15 सालों में रमन सरकार ने आदिवासियों की 90000 एकड़ से अधिक जमीन पूंजीपतियों को सौंप दी। आदिवासी वर्ग के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उनके मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी प्रकार से काम नहीं किया गया था। भाजपा ने 2003 में आदिवासियों को 10 लीटर दूध वाली गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी का वायदा किया था, पूरा नहीं किया। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के दौरान बस्तर के 600 से ज्यादा गांव उजाड़ दिये गये। तीन लाख से अधिक आदिवासियों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। रमन सरकार ने 1379 फर्जी प्रकरण दर्ज कर हजारों आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल के सलाखों के पीछे धकेल दिया। हमारी कांग्रेस सरकार ने जस्टिस पटनायक कमेटी के रिर्पोट के आधार पर 900 से अधिक मामलों में हजारों निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हुयी। रमन सरकार आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार से वंचित करती रही, लोहंडीगुड़ा में 1707 किसानों की 4200 एकड़ टाटा को सौंपने का काम किया छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार देश की इकलौती सरकार है जिसने पूंजीपतियों से जमीन वापिस लेकर आदिवासियों को वापस लौटाई। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने पांच लाख 18 हजार 617 वनाधिकार पट्टों के माध्यम से 1 करोड़ 4 लाख 21 हजार एकड़ जमीन आदिवासियों को दी। मोदी सरकार देश की पहली सरकार है जिन्होंने 2014 के बाद अंधाधुन कमर्शियल माइनिंग की अनुमति दी। केन्द्र की मोदी सरकार नगरनार प्लांट को अपने पूंजीपति मित्र अडानी को सौंपने की साजिश एवं षडयंत्र कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी वर्ग के चहुमुखी विकास के लिए रोजगार मूलक योजनाएं बनाई। रमन सरकार के समय बस्तर के हजारों स्कूलों को बंद किया गया था। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 354 से अधिक बंद स्कूलों को खोला गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया, जिसका नतीजा है कि नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी आई है।