19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 सीटों के लिए मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम को समाप्त हो गया। आठ केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल उन नेताओं में शामिल हैं जो 19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव में अपनी चुनावी किस्मत आजमाएंगे। 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण में ही महाराष्ट्र के नागपुर सीट पर भी मतदान होना है। केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नागपुर सीट से जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। 2014 में, उन्होंने सात बार के सांसद विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख मतों के अंतर से हराया था। 2019 में उन्होंने वर्तमान महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को 2.16 लाख मतों से हराकर सीट बरकरार रखी थी।
वहीं छत्तीसगढ़ में बस्तर लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है। बस्तर संसदीय सीट के चुनाव में कुल 11 प्रत्याशी आमने-सामने हैं लेकिन इस सीट पर मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। भाजपा ने महेश कश्यप को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस के पूर्व मंत्री कवासी लखमा महेश कश्यप को चुनौती देंगे। यहां 14.59 लाख मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 52 वर्षीय रिजिनू ने 2004 से तीन बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। रिजिजू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी पूर्व मुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष नबाम तुकी हैं।
डिब्रूगढ़ से असम के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ठोक रहे ताल
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम के डिब्रूगढ़ से लोकसभा में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली का टिकट काटकर सोनोवाल को चुनाव डिब्रूगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वे फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं।
यूपी के मुजफ्फरनगर में त्रिकोणीय चुनावी जंग
मुजफ्फरनगर में त्रिकोणीय चुनावी जंग चल रही है जहां केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का मुकाबला समाजवादी पार्टी के हरिंद्र मलिक और बसपा उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति से है। दो बार सांसद रह चुके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में सहयोगी जितेंद्र सिंह उधमपुर में हैट्रिक बनाने की जोरआजमाइश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव जिन्हें मौजूदा सांसद बालक नाथ की जगह राजस्थान के अलवर से टिकट दिया गया है का मुकाबला कांग्रेस विधायक ललित यादव से है। वे अलवर जिले मत्स्य क्षेत्र से आते हैं और उन्हें यादव समुदाय का समर्थन प्राप्त हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान की बीकानेर संसदीय सीट से कांग्रेस के पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल के खिलाफ मैदान में हैं।
तमिलनाडु के नीलगिरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में द्रमुक के मौजूदा सांसद और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और केंद्रीय मत्स्य राज्य मंत्री भाजपा के एल मुरुगन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। यह पहला मौका होगा जब मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए मुरुगन यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।
तमिलनाडु के शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम फिर मैदान में
शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम उस सीट से एक बार फिर मैदान में हैं जहां उनके पिता पी चिदंबरम भाजपा के टी देवनाथन यादव और अन्नाद्रमुक के जेवियर दास के खिलाफ सात बार जीत चुके हैं। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई तमिलनाडु के कोयंबटूर से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां उनका मुकाबला द्रमुक नेता गणपति पी राजकुमार और अन्नाद्रमुक के सिंगाई रामचंद्रन से है।
तमिलिसाई सुंदरराजन, जिन्होंने हाल ही में तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में वापसी की है, चेन्नई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। दिग्गज कांग्रेस नेता कुमारी अनंता की बेटी सुंदरराजन ने 2019 का लोकसभा चुनाव डीएमके की कनिमोझी के खिलाफ लड़ा था, लेकिन थूथुकुडी में वे भारी अंतर से हार गई थीं। इस बार कनिमोझी इस सीट से फिर से चुनाव लड़ रही हैं। इस सीट पर राजग की सहयोगी तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने एसडीआर विजयसीलन और अन्नाद्रमुक ने आर शिवसामी वेलुमणि को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। कमलनाथ 1980 से अब तक नौ बार इस सीट से जीत चुके हैं। 2019 के चुनावों में, भाजपा ने राज्य की 29 में से 28 सीटें जीतीं, लेकिन छिंदवाड़ा में जीत दर्ज करने से चूक गई, वहां नकुल ने भाजपा के उम्मीदवार को 37,536 मतों से हराकर राज्य में एकमात्र सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी थी।
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब पश्चिम त्रिपुरा सीट से लड़ रहे चुनाव
त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों में से पश्चिम त्रिपुरा की जिस सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है, वहां पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष आशीष कुमार साहा के बीच हाईवोल्टेज टक्कर देखने को मिलेगी।
असम के कालियाबोर निर्वाचन क्षेत्र से 2014 से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई खुद को पड़ोस के जोरहाट से पार्टी के उम्मीदवार है। इस सीअ पर भाजपा के टोपोन कुमार गोगोई ने 2019 में जीत हासिल की थी। गौरव गोगई की 2019 की सीट कालियाबोर में परिसीमन के कारण इस बार वे जोरहाट से चुनाव लड़ रहे हैं।
मणिपुर के कानून एवं शिक्षा मंत्री बसंत कुमार सिंह इनर मणिपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला जेएनयू के प्रोफेसर एवं कांग्रेस उम्मीदवार बिमल अकोइजाम से है। सिंह थोउनाओजम चाओबा सिंह के पुत्र हैं, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में खेल, युवा मामलों, संस्कृति और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। भाजपा का गढ़ उत्तरी राजस्थान में स्थित चूरू में भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र झाझरिया और कांग्रेस के राहुल कासवान के बीच दिलचस्प मुकाबला दिख रहा है।
कासवान ने दलबदल कर चूरू के लिए लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। दो बार भाजपा छोड़ चुके सिंह ने मार्च में पार्टी द्वारा टिकट से इनकार किए जाने के बाद फिर पार्टी छोड़ दी थी। 18वीं लोकसभा के लिए 543 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होने हैं। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।