आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि आरबीआई का अनुमान है कि अगले वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि पहली तिमाही के लिए लगभग 6.7%, दूसरी तिमाही के लिए 6.7%, तीसरी तिमाही के लिए 7% और चौथी तिमाही के लिए 6.5% होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता को राहत देते हुए रेपो रेट में कटौती की है। आरबीआई के मुताबिक रेपो रेट अब 0.25 फीसदी कम हुआ है। इसके बाद आम जनता को महंगी ईएमआई से राहत मिलेगी। ये घोषणा रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी का प्रस्ताव देश के सभी नागरिकों के जीवन को प्रभावित करता है। यह व्यवसाय, अर्थशास्त्रियों और सभी पक्षों के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ पहुंचाया है। उन्होंने कहा, “सीपीआई इस ढांचे के तहत दिए गए लक्ष्य के अनुरूप ही रहा है, सिवाय कुछ मौकों पर जब ऊपरी सहनीयता प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ।”
आरबीआई एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि आरबीआई का अनुमान है कि अगले वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि पहली तिमाही के लिए लगभग 6.7%, दूसरी तिमाही के लिए 6.7%, तीसरी तिमाही के लिए 7% और चौथी तिमाही के लिए 6.5% होगी। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
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