सासाराम में मीरा कुमार को पिता की विरासत बचाने की चुनौती

राष्ट्रीय

(राजग) की ओर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता छेदी पासवान के बीच है। यहाँ पर 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सासाराम सीट पर 19 मई को मतदान होना है।
अपने पिता बाबू जगजीवन राम की विरासत बचाने की चुनौती मीरा कुमार के कंधे पर है ! तो वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी छेदी पासवान के सामने चौथी बार विजय पताका लहराने की चुनौती है।
जगजीवन राम और सासाराम एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं। 1984 में जब कांग्रेस के विरोध में पूरे देश में हवा चल रही थी, तब भी यह सीट कांग्रेस के खाते में आई थी और जगजीवन राम यहां से आठवीं बार विजयी हुए थे। इसके बाद वर्ष 1989 में हुए आम चुनाव में यह सीट जनता दल के हाथ में चली गई, परंतु 1996 में इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के छेदी पासवान ने कांग्रेस की मीरा कुमार को पराजित कर तीसरी बार जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में पासवान को जहां 3,66,087 मत मिले थे, वहीं मीरा कुमार को 3,02,760 मत मिले थे।
सासाराम में सवर्ण वर्ग में ब्राह्मण और राजपूत सबसे ज्यादा हैं। लेकिन मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या दलितों की है। दलितों में मीरा कुमार की जाति रविदास पहले नंबर पर और दूसरे नंबर पर छेदी पासवान की जाति पासवान है।
सासाराम लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें मोहनिया, भभुआ, चौनपुर, चेनारी, सासाराम और करहगर आती हैं। इनमें तीन विधानसभा सीटें रोहतास जिले की, जबकि तीन कैमूर जिले की हैं।
कांग्रेस को इस चुनाव में मुस्लिम, यादव के अलावा सवर्णों का भी साथ मिल रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा युवाओं की पसंद बना हुआ है, जिस कारण मुकाबला कांटे का है।”

 

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