इस सीजन में बेकाबू हो चुका बुखार अब डॉक्टरों के माथे पर चिंता की लकीरें डाल रहा है। जांच में डेंगू, मलेरिया, टायफाइड, चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हो रही और दवाएं भी मरीजों पर बेअसर साबित हो रही हैं। नौबत ये है कि लखनऊ के निजी-सरकारी अस्पतालों में 800 से अधिक बुखार मरीज भर्ती है। इनमें जांच के बाद तकरीबन 30 प्रतिशत की सभी रिपोर्ट निगेटिव आ रही हैं। इनमें बुखार किन कारणों से बना हुआ है, पता करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर भी निश्चित तौर पर बुखार का कारण नहीं बता पा रहे हैं।
बलरामपुर, लोहिया, सिविल, केजीएमयू, पीजीआई, लोकबंधु, महानगर भाऊराव देवरस समेत सरकारी और दूसरे अस्पतालों में बुखार, डेंगू, टायफाइड के करीब 800 मरीज भर्ती हैं। सर्वाधिक करीब 150 बुखार पीड़ित अकेले केजीएमयू में भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मरीज तेज बुखार से तप रहे हैं। पैरासिटामॉल और दूसरी एंटीबायोटिक दवाएं देने के बावजूद बुखार नहीं घट रहा है। कई मरीज ने बदन दर्द की भी शिकायत की है। सुस्ती, कमजोरी ने भी कई मरीजों को जकड़ रखा है।