रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य (राज्यसभा) डॉ. सरोज पांडेय ने प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी चरित्र का परिचय देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अंबिकापुर में हज़ारों किसानों के प्रदर्शन के बाद भी वहाँ के किसानों को यूरिया खाद की आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है और किसान अब भी खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। यूरिया खाद की किल्लत के चलते प्रदेश के अमूमन सभी ज़िलों में यही स्थिति बनी हुई है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के आते ही प्रदेश का अन्नदाता किसान परेशानी और प्रताड़ना का शिकार हो रहा है और उसकी पीड़ा न तो सरकार सुन रही है न उसकी नौकरशाही, उल्टे किसानों की दिक्कत को हँसी में टाला जा रहा है।
भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि किसानों के साथ छल की सियासी फ़ितरत दिखाने और क़दम-क़दम पर ठगने वाली सरकार किसानों के साथ नित-नए झूठ के साथ प्रदेश को छलते हुए वह अब अपने विज्ञापनों तक में धोखाधड़ी कर रही है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कटाक्ष किया कि प्रदेश सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गौ-धन न्याय योजना के अपने सरकारी विज्ञापन में उत्तरप्रदेश के किसान को छत्तीसगढ़ का किसान बताकर उसकी फोटो लगा दी। ज़ाहिर है, यह काम प्रदेश की भूपेश सरकार ही कर सकती है! छत्तीसगढ़ के एक भी किसान को इस प्रदेश सरकार ने इस लायक छोड़ा ही नहीं है कि उसका प्रफुल्लित चेहरा फोटो में आ सके। भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि उक्त विज्ञापन में दिख रही किसान की फोटो भाजपा शासित राज्य उत्तरप्रदेश में लखनऊ के चिनहट निवासी किसान हरनाम सिंह की है जो इंडिया टुडे के पत्रकार आशीष मिश्रा के साथ मनीष अग्निहोत्री ने खींची थी। अब इससे ज़्यादा शर्मनाक उदाहरण इस प्रदेश सरकार के झूठ-फ़रेब की राजनीति का क्या हो सकता है?
भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि सरगुजा के किसान अब भी खाद की अनुपलब्धता के चलते परेशान हो रहे हैं और खाद की दुकानों में किसानों की लंबी कतारें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि प्रदेश सरकार अब भी किसानों की तक़लीफ़ महसूस नहीं कर रही है और हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है। परेशान किसानों ने क्षेत्र के दौरे पर जा रहे मंत्री अमरजीत भगत को घेरकर अपनी समस्या के निराकरण की मांग की। किसानों के आक्रोश के आगे विवश मंत्री भगत ने ज़िलाधीश को दूरभाष पर खाद की आपूर्ति को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। लेकिन ज़मीनी सच अब भी यही है कि किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को विवश हो रहे हैं। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि जिस छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन के 15 वर्षों में किसानों को अपनी ज़रूरतों के लिए सड़क पर नहीं उतरना पड़ा, उस छत्तीसगढ़ के किसान कोरोना काल में भी अगर अपनी खेती-किसानी को बचाने के लिए अपनी ज़िंदग़ी दाँव पर लगाकर सड़क पर उतरने के लिए विवश हो गए हैं तो यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन का सबसे बड़ा शर्मनाक उदाहरण है।