World Mental Health Day 2023: दुनिया भर में हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल वैश्विक स्तर पर बढ़ते मानसिक रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। बता दें, हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि नियमित रूप से दौड़ने से अवसाद में राहत मिल सकती है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए दौड़ना अवसादरोधी दवाओं जितना ही प्रभावी है। एम्स्टर्डम स्थित व्रीजे विश्वविद्यालय के एक शोध में यह जानकारी सामने आई है।
शोधकर्ता प्रोफेसर ब्रेंडा पेनिनक्स ने कहा, ‘हमने पाया कि जिन मरीजों ने नियमित रूप से दौड़ को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया, उनमें 16 सप्ताह के बाद अवसाद में उतनी ही कमी आई, जितनी दवाइयां लेने वाले मरीजों में आती है’। इन मरीजों को न सिर्फ मानसिक लाभ मिला बल्कि उनके मोटापे में भी कमी आई। दौड़ने से उनके हृदय गति में भी सुधार हुआ और शरीर भी फिट रहा। इनके विपरीत जिन अवसाद रोगियों को दवा दी गई उनको शारीरिक रूप से कोई लाभ नहीं मिला।
कैसे हुआ अध्ययन-
वैज्ञानिकों ने अवसाद से ग्रस्त 141 रोगियों पर यह अध्ययन किया। इनमें से 45 लोगों ने अवसादरोधी दवाओं का चुनाव किया, जबकि अन्य ने व्यायाम के रूप 16 सप्ताह तक नियमित रूप से दौड़ने का फैसला लिया। अंत में दोनों समूहों में कुल 44 फीसदी ने अवसाद से राहत की बात कबूल की पर दौड़ने वालों ने शारीरिक रूप से भी खुद को फिट बताया। दौड़ने वाले समूह के प्रतिभागियों ने अवसाद के लक्षणों में सुधार के साथ वजन, कमर की चर्बी, रक्तचाप और हृदय कार्यों में भी सुधार का अनुभव किया। शोधकर्ता कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में इस तरह की शारीरिक समस्याओं पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जिस समूह ने दौड़ का विकल्प चुना उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हुआ।
दौड़ से कैसे दूर होता है डिप्रेशन-
1. हैप्पी हॉर्मोन का निर्माण
शोधार्थियों ने कहा, प्रतिदिन दौड़ने से शरीर में हैप्पी हॉर्मोन जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन का निर्माण होता है। दौड़ने से शरीर में कोर्टिसोल लेवल कम होता है, अवसाद बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है।
2. नकारात्मक ख्याल दूर होते हैं
दौड़ने से शरीर में बनने वाले अन्य हॉर्मोन जैसे एंडॉर्फिन और ग्लूटामेट मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक ख्यालों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। ऐसे में प्रतिदिन दौड़ने के अभ्यास से मन अच्छा रहता है।
3. नींद बेहतर हुई
तनाव और अवसाद के कारण कई बार गहरी और अच्छी नींद नहीं आती है। प्रतिदिन दौड़ लगाने से शरीर मस्तिष्क को आराम करने के संकेत देता है। ये संकेत अवसाद पर भारी पड़ते हैं और नींद में सुधार आता है।
4. वजन कम हुआ
नियमित रूप से दौड़ने से वजन कम होता है, जिससे पर्सनैलिटी बेहतर होती है। अवसाद रोगियों के लिए यह सकारात्मक साबित होता है। अच्छा दिखने से उनके मन से नकारात्मक विचार खत्म होने लगते हैं और अवसाद से छुटकारा मिलता है।
क्या है अवसाद-
अवसाद को मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या के तौर पर जाना जाता है। ये गंभीर चिकित्सीय बीमारी है, जो आपके स्थितियों को महसूस करने के तरीके, सोचने और आपके कार्य करने के तरीके को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। अवसाद में उदासी की भावना बढ़ जाती है और आप उन गतिविधियों में रुचि खो सकते हैं जिनका आप पहले आनंद लेते थे। समस्या का बढ़ना आत्महत्या के विचारों को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। इसमें मनोचिकित्सक के सलाह की आवश्यकता होती है।
क्या कहते हैं आंकड़े?-
-दुनियाभर में वर्ष 2019 में 28 करोड़ मरीज थे
-इनमें से 2.3 करोड़ मरीज बच्चे थे
-14 की उम्र से मानसिक विकारों से गुजरने लगते हैं लोग
क्या हैं लक्षण-
– लगातार दुखी रहना
– कार्यों में रुचि घटना
– वजन ज्यादा या कम हो जाना
– भूख बढ़ या कम हो जाना
– अनिद्रा या अत्यधिक नींद
– थकान या ऊर्जा की कमी
– ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई
– मौत की या आत्महत्या के विचार