वजन घटाने वाली इस दवा से होता है पेट की गंभीर बीमारियों का खतरा

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मोटापा तमाम बीमारियों की वजह बन रहा है। ऐसे में लोग खुद को पतला करने की मुहिम पर हैं। लेकिन वजन घटाने के लिए बहुत सारे लोग कुछ खास तरह की दवाओं को लेना शुरू कर देते हैं। जिनसे शरीर तो तेजी से पतला हो जाता है। लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च में पता चला है कि इन दवाओं से पेट के अंगों को गंभीर नुकसान होता है और कई तरह की गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियां घेरने लगती है।

नई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि वेगोवी, ओजेम्पिक, रायबेल्सस और सेक्सेंडा ब्रांड की जीएलपी-1 एगोनिस्ट नाम की दवा कई सारी सीरियस मेडिकल कंडीशन के लिए जिम्मेदार है। जिसमे स्टमक पैरालाइसिस, पैंक्रियाज और बाउल मूवमेंट में रुकावट जैसी बीमारियां शामिल हैं। जामा में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हुई रिसर्च में पाया गया कि नॉन डायिबिटिक मरीज, जो वजन घटाने के लिए इन दवाओं को लेते हैं उनमे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों का खतरा रहता है।

यूबीसी के एक्पेरिमेंटल मेडिसिन प्रोग्राम के ऑथर मोहित सोढ़ी ने कहा कि इन दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल के बीच इस तरह का प्रतिकूल असर काफी दुर्लभ है। लेकिन फिर भी वजन घटाने के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल से पहले मरीजों को सोचना होगा। क्योंकि दवाओं से होने वाले नुकसान का रिस्क हर मरीज पर अलग होता है। जैसे कि वो इन दवाओं को डायबिटीज, मोटापे या फिर केवल वजन घटाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि जो लोग हेल्दी हैं वो इन दवाओं से होने वाले बुरे असर को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं।

डायबिटीज के लिए बनी थी दवा
जीएलपी-1 एगोनिस्ट दवा को टाइप-2 डायबिटीज को मैनेज करने के लिए बनाया गया था। लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल अनौपचारिक तौर पर वेट लॉस टूल के तौर पर किया जा रहा है। हालांकि इन दवाओं को लेने से कुछ डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन की समस्या भी देखी गई है।

इस तरह करता है पेट पर असर
रिसर्चर्स ने पाया कि इन दवाओं का असर बाकी वजन घटाने वाली दवाओं बुप्रोपियन-नाल्ट्रेक्सोन से कितना अधिक है।

जीएलपी0-1 दवा से 9.09 गुना ज्यादा पैंक्रियाटिस यानी अग्नाशय में सूजन का खतरा है। जिसकी वजह से पेट में बहुत ज्यादा दर्द और कुछ केस में सर्जरी और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति पैदा हो जाती है।

बाउल मूवमेंट में दिक्कत
4.22 गुना ज्यादा रिस्क बाउल मूवमेंट में रुकावट का होता है। हम जो खाना खाते हैं वो छोटी और बड़ी आंत से होते हुए गुजरता है। वजन घटाने वाली इस दवा की वजह से कई बार खाना गुजरने यानी बाउल मूवमेंट के प्रोसस में रुकावट पैदा होती है। जिससे क्रैम्पिंग, ब्लॉटिंग, उल्टी, मिचली होती है। कई बार ये स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि सर्जरी करनी पड़ती है।

स्टमक पैरालाइसिस का खतरा
जीएलपी-1 दवा की वजह से स्टमक पैरालाइसिस का खतरा 3.67 गुना ज्यादा रहता है। इस स्थिति में छोटी आंत से खाने के गुजरने में रुकावट पैदा होती है। जिसकी वजह से पेट में दर्द, उल्टी और मितली होती है।
स्टडी में गाल ब्लैडर में बीमारियों के खतरे का रिस्क भी सामने आया है।
रिसर्चर्स का कहना है कि हालांकि इस तरह के प्रभाव काफी कम हैं क्योंकि इस दवा का इस्तेमाल पूरी दुनिया में लाखों लोग कर रहे हैं। और मात्र कुछ सौ और हजार लोगों को ही इस तरह की कंडीशन से गुजरना पड़ रहा है।

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