वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने गुरूवार को यहां नौसेना के उप प्रमुख का पदभार संभाल लिया।
पदभार संभालने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्य किया।
सैनिक स्कूल रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी को जुलाई 1985 में भारतीय नौसेना में कमीशन मिला था। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने सिग्नल संचार अधिकारी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अधिकारी के रूप में नौसेना के फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर और बाद में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस मुंबई के कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों विनाश, किर्च और त्रिशूल की कमान भी संभाली। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण संचालन और स्टाफ नियुक्तियों पर भी काम किया है, रियर एडमिरल के पद पर पदोन्नति होने पर उन्होंने मुख्यालय में प्रमुख नौसेना सहायक (नीति और योजना) और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्य किया।
जून 2019 में वाइस एडमिरल के पद पर पदोन्नति होने पर उन्हें केरल के एझिमाला में प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी का कमांडेंट बनाया गया। वह जुलाई 2020 से मई 2021 तक नौसेना संचालन के महानिदेशक थे। इस अवधि में काफी नौसेना समुद्री संचालन देखे गए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि नौसेना ‘युद्ध के लिए हमेशा तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए सक्षम बल’ बनी रहे, जो कोविड महामारी की चौतरफा गंभीरता के बावजूद कई जटिल सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रही। बाद में जून 2021 से फरवरी 2023 तक उन्होंने कार्मिक प्रमुख के रूप में कार्य किया।
एडमिरल त्रिपाठी डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातक हैं, जहां उन्हें थिमैया पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने नेवल हायर कमान कोर्स पूरा किया और 2007-08 में यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड्स में भी भाग लिया, जहां उन्होंने प्रतिष्ठित रॉबर्ट ई बेटमैन इंटरनेशनल पुरस्कार जीता।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक और नौसेना पदक से सम्मानित हैं।