– तिरुपति मंदिर लड्डू में अमूल घी की झूठी खबर फैलाने वाले 7 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

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तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले खराब क्वालिटी वाले के घी के ‘अमूल’ ब्रांड का होने की अफवाह फैलाने के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘एक्स’ के सात यूजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है कि राज्य में पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था।

आणंद स्थित गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति किए जाने से इनकार किया है। जीसीएमएमएफ ‘अमूल’ ब्रांड नाम के तहत अपने दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करता है।

साइबर अपराध थाने के एक अधिकारी ने बताया कि एफआईआर के मुताबिक, सात ‘एक्स’ यूजर्स ने जीसीएमएमएफ की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से गलत सूचना फैलाई कि तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाला जानवरों की चर्बी मिला घी ‘अमूल’ ब्रांड का था।

एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने अफवाह फैलाई कि ‘अमूल’ ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले घी का इस्तेमाल उन लड्डुओं को बनाने में किया गया, जिन्हें बाद में तिरुपति मंदिर में ‘प्रसाद’ के रूप में बांटा गया, जिससे सहकारी संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। यह एफआईआर अहमदाबाद साइबर अपराध थाने में दर्ज की गई है।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (4) (किसी पक्ष की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) और 196 (1) (ए) (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

अधिकारी के मुताबिक, प्राथमिकी में पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के प्रावधान भी शामिल किए हैं।

जीसीएमएमएफ ने शुक्रवार रात अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि उसने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को कभी भी ‘अमूल’ घी की आपूर्ति नहीं की।

इसने कहा, ‘‘हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि ‘अमूल’ घी हमारे अत्याधुनिक उत्पादन केंद्रों में दूध से बनाया जाता है, जो आईएसओ-प्रमाणित हैं। ‘अमूल’ घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध की मलाई से बनाया जाता है… यह पोस्ट ‘अमूल’ के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान रोकने के लिए जारी किया जा रहा है।’’

जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि कुछ लोग गलत सूचना फैला रहे हैं कि तिरुपति मंदिर में इस्तेमाल होने वाले खराब गुणवत्ता वाले घी की आपूर्ति ‘अमूल’ ने की थी। मेहता ने कहा, ‘‘साइबर अपराध थाने ने हमारे संबंध में गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत सूचनाएं आजीविका के लिए ‘अमूल’ पर निर्भर 36 लाख डेयरी किसान परिवारों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। मेहता ने दावा किया, ‘‘हमने कभी भी (तिरुपति) मंदिर को घी की आपूर्ति नहीं की। हमने इस दुष्प्रचार अभियान को रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई है।’’

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