सोसायटी में बकरीद के बकरों पर बवाल, 11 लोगों पर FIR दर्ज

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मुंबई के मीरा रोड स्थित एक सोसायटी में बकरीद से पहले एक मुस्लिम शख्स द्वारा दो बकरे लाए जाने पर विवाद छिड़ गया है। इस मामले में मंगलवार रात को हंगामा इतना ज्यादा बढ़ गया कि पुलिस को दखल देना पड़ा और फिलहाल शांति है। सोसायटी के कुछ लोगों ने बकरे लाए जान पर ऐतराज जताया और कहा कि यहां बकरों को नहीं रखा जा सकता। सोसायटी में रहने वाले एक शख्स ने कहा, ‘हमारी सोसायटी में एक प्रस्ताव पारित हुआ था कि किसी भी पशु को सोसायटी के अंदर नहीं आने दिया जाएगा। लेकिन कुछ लोगों ने इस नियम को तोड़ा है और वे दो बकरों को अंदर ले आए। हम इसका विरोध कर रहे हैं और इजाजत नहीं देंगे।’ वहीं एक अन्य मेंबर ने सभी लोगों से सद्भाव बनाए रखने की अपील की और कहा कि सभी को सोसायटी के नियमों का पालन करना चाहिए।

बकरे लेकर आने वाले मोहसिन नाम के शख्स ने कहा कि इस सोसायटी में 200 से ज्यादा मुसलमान परिवार रहते हैं। हम हर साल ही बकरे लाते थे, लेकिन कभी हंगामा नहीं हुआ और किसी ने ऐतराज नहीं जताया। इस बार पहली बार कुछ लोगों ने विरोध किया है। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया है। इन लोगों पर बकरीद में कुर्बानी के लिए बकरे लाने का आरोप है।

मुस्लिम परिवार बोले- हमारे पास बकरे रखने की कोई और जगह नहीं

मुस्लिम परिवारों ने कहा कि हम यहां बकरे इसलिए रखते हैं क्योंकि इसके लिए हमारे पास कोई और जगह नहीं है। बकरीद तक ही हम लोग यहां बकरे रखते हैं। इसके अलावा कुर्बानी भी हम यहां नहीं देते। इसके लिए कत्लगाह जाते हैं या फिर सरकार की ओर से जो स्थान तय किए गए हैं, वहीं पर कुर्बानी दी जाती है। जेपी इन्फ्रा सोसायटी में रहने वाले मोहसिन ने कहा कि हमने पहले ही सोसायटी से मांग की थी कि हमें बकरे रखने की जगह दी जाए। हमने साफ कहा था कि हम यहां पर कुर्बानी नहीं देंगे। खबर है कि सोसायटी में बकरा लाने का विरोध करने वाले लोगों में कुछ ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए।

जय श्री राम के लगे नारे और किया हनुमान चालीसा

कुछ लोगों का कहना है कि विरोध करने वालों ने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था। फिलहाल सोसायटी के पास पुलिस की तैनाती की गई है और मौके पर शांति है। गुरुवार को बकरीद का त्योहार है और सरकार का कहना है कि प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी नहीं दी जाएगी। इसके अलावा निश्चित किए गए स्थानों पर ही कुर्बानी की मंजूरी दी जाएगी। यहां तक कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुर्बानी की तस्वीरें और वीडियो भी शेयर नहीं किए जाएंगे।

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