उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंच बना ली गयी है और बचाव दल तथा उनके बीच का फासला अब केवल दो मीटर रह गया तथा उन्हें जल्द ही बाहर निकाल लिया जायेगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य ले . जनरल सैयद अता हसनैन ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए पिछले चौबीस घंटे से मैनुअल खुदाई की जा रही है और अब श्रमिकों तक पहुंचने के लिए दो मीटर की दूरी तय करनी है।
उन्होंने कहा कि खुदाई के लिए सभी तरह की सुरक्षा और एहतियात बरते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के करीब- करीब हर मंत्रालय ने इस अभियान में अपना सहयोग दिया है और सभी एजेन्सियों तथा विभागों के बीच बेहतर तालमेल से ही यह संभव हो पाया है। देश में हर जगह पर सुरंग बनाने के कार्य से संबंधित विभिन्न तरह के विशेषज्ञों की भी मदद ली गयी।
उन्होंने कहा कि अभी भी सुरंग के ऊपर से खुदाई का कार्य भी जारी है और उस तरफ से खुदाई 45 मीटर तक पहुंच गयी है।
ले. जनरल हसनैन ने बताया कि श्रमिकों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तीन टीमें अंदर जायेंगी और राज्य आपदा मोचन बल की टीमें उसकी मदद करेगी। श्रमिकों के स्वास्थ्य का जायजा लेने के लिए अर्द्ध चिकित्सकों को भी अंदर भेजा जायेगा। बचाव दल को स्ट्रेचर को बाहर निकालने का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को निकालने में तीन से पांच मिनट लगने की संभावना है।
इसके अलावा चिनूक हेलिकॉप्टर भी नजदीक के हेलीपेड़ पर तैनात है। जिला अस्पताल में 30 बिस्तरों की सुविधा की गयी है और घटनास्थल पर भी 10 बिस्तरों का इंतजाम किया गया है। श्रमिकों को एंबुलेंस से ऋषिकेश लाने की भी व्यवस्था की गयी है। अस्पताल में श्रमिकों के स्वास्थ्य की 40 से 42 घंटे तक निगरानी की जायेगी।
