श्रीलंका की नौसेना ने अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप लगाकर 34 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है। पिछले दो दिनों के अंदर अलग-अलग जगहों पर हुई घटनाओं में यह गिरफ्तारियां हुई हैं। इसके साथ ही इन मछुआरों की तीन नावें भी जब्त की गई है। नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इन मछुआरों को अवैध रूप से श्रीलंकाई जल सीमा में घुसकर मछली पकड़ने के लिए 25 और 26 जनवरी के दौरान गिरफ्तार किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए श्रीलंका की नौसेना के गश्ती दल ने उत्तर पूर्वी मन्ना जिले के तट पर यह गिरफ्तारियां की। इसके बाद आगे की कार्यवाही के लिए इन लोगों को अधिकारियों को सौंप दिया गया।
इस पूरे मामले को लेकर रामनाथपुरम मछली विभाग ने कहा कि श्रीलंकाई बलों ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा का उल्लंघन करने के लिए तीन नावों को पकड़ा है। मछुआरों के संगठनों ने इन गिरफ्तारियों को लेकर अपना विरोध जताया। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि मछुआरों को बिना कोई जुर्माना लगाए रिहा कर दिया जाए। और उनके साथ में उनकी नावों को भी छोड़ दिया जाए।
श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़ लिए जाने का यह मामला नया नहीं है। महीने दर महीने ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में ही भारतीय उच्चायोग ने कहा था कि श्रीलंकाई जलसीमा में मछली पकड़ने के आरोप में हिरासत में लिए गए 41 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले 12 जनवरी को 8 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया था और दो नावों को भी जब्त किया गया था।
मछुआरों का मुद्दा भारत और श्रीलंका के बीच एक संवेदनशील विषय बना हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई घटनाओं में श्रीलंकाई नौसेना के सदस्यों ने पाक जलडमरू मध्य में भारतीय मछुआरों को गोली मार दी थी और उनकी नावों को भी हिरासत में ले लिया था। दरअसल, तमिलनाडु और श्रीलंका दोनों ही मछुआरों को पाक जलडमरु मध्य मछली पकड़ने के लिए एक उचित स्थान लगता है। इसलिए दोनों ही देश के मछुआरे यहां पर शिकार करने के लिए आते हैं। और गलती से अंतर्राष्ट्रीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं, जिसकी वजह से दोनों ही देशों को मछुआरों को जेल जाना पड़ता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल श्रीलंकाई नौसेना ने अवैध शिकार के आरोप में 529 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था।