शिक्षक अभियर्थियों पर नहीं मुख्यमंत्री व गृहमंत्री पर दर्ज हो आपराधिक मामला

छत्तीसगढ़ मुख्य समाचार

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने नियुक्ति की मांग कर रहे शिक्षक अभियर्थियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि अपनी मांग को लेकर रायपुर में बड़ी उम्मीद और आशा के साथ मुख्यमंत्री से मिलने और अपनी मांगों को रखने निकले छात्रों पर पुलिस प्रशासन द्वारा आईपीसी की धारा 147 ,188 व 340 के तहत बलवा व लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है, यह घोर आपत्तिजनक है, बेरोजगार छात्रों के साथ अन्याय है।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा की छात्रों का क्या दोष हैं, उन्होंने तो अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के सामने ज्ञापन दिए ,पूर्व में धरना दिया और शासन को अपने 22 अगस्त को दिए गए अंतिम ज्ञापन के माध्यम से अल्टीमेटम भी दिया था कि यदि शासन 22 तारीख से 6 सितंबर के मध्य उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करता है, ठोस निर्णय नहीं लिए जाते हैं तो पूरे प्रदेश से शिक्षक अभियार्थी रायपुर आ कर मुख्यमंत्री आवास जा कर अपनी मांग रखेंगे। शासन ने अभियर्थियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। सरकार यदि गंभीर होती तो पहले ही उनके प्रतिनिधिमंडल से बुलाकर चर्चा कर सकती थी और जो आश्वासन आंदोलन के बाद शाम को उन्हें दिया गया वह आश्वासन प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर भी दिया जा सकता था। बेरोजगार छात्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी वह आंदोलन से पहले भी मांग सकते थे और इस कोरोना संकटकाल में यह भी बताया जा सकता था की यदि बिना अनुमति प्रदर्शन किया जावेगा तो गिरफ्तारी भी हो सकती है एवं आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होंगे। राजनीतिक रोटी सेकने सरकार ने छात्रों को जानबूझकर नहीं रोका। उपासने ने कहा कि शासन चाहता तो आंदोलन को टाला जा सकता था। परंतु इस प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृह मंत्री चाहते थे की युवा रायपुर के सड़कों पर आएं प्रदर्शन करें और उसके बाद हम उनके समर्थन में कुछ थोड़ी सी घोषणा करके अपनी पीठ थपथपा राजनीतिक नाटक करें। श्रेय लेने की राजनीति करें। यही कारण है कि शासन ने अपनी पूर्व नियोजित योजना अनुरूप नौजवानों को हजारों की संख्या में बड़े आसानी से एकत्र होने दिया। मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ते हुए उनसे पुलिस प्रशासन द्वारा हाथापाई व डंडे चलाने आदि दिखाने की कवायद की गई और शाम को वही हुआ जो पूर्व नियोजित था। अनिश्चितकालीन आंदोलन को छोटी सी घोषणा कर समाप्त करा दिया गया।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि ऐसी परिस्तिथियाँ निर्मित कारने के लिए सरकार दोषी हैं, मुख्यमंत्री दोषी हैं ,गृह मंत्री दोषी हैं। यह दुर्भग्यपूर्ण हैं कि अपनी नाकामी व प्रशासनिक अक्षमता व राजनीतिक षड़यंत्र पर पर्दा डालने अपना दोष उन्होंने अपनी सत्ता के बल पर बेरोजगार छात्रों के खिलाफ बलवा व लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के अपराध कोतवाली थाना रायपुर में पंजीबद्ध कर उनके घर पुलिस भेजने का काम किया। यह पूर्णतया तानाशाही रवैया है। बेरोजगार छात्रों के साथ अन्याय हैं। उन्होंने कहा कि दोषी यदि कोई हैं तो वह प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृह मंत्री है, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगार नौजवानों को प्रशासन की छूट व सरकार की अकर्मण्यता के कारण पूरे प्रदेश से रायपुर की सड़कों पर एकत्र होने दिया। उपासने ने मांग की है कि बेरोजगार छात्रों के विरुद्ध पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण तत्काल वापस लिया जाए एवं बेरोजगार छात्रों के घर गिरफ्तारी हेतु पुलिस भेजना बंद किया जाए। बेरोजगार छात्रों पर दर्ज मामले तत्काल खत्म किया जाए और आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया जावे जिन्होंने अपनी राजनीति चमकाने के उद्देश्य से भीड़ को एकत्र होने दिया।

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