प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह तेलंगाना के करीमनगर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और गौतम अडानी का नाम लेने से परहेज करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने चुनौती देते हुए पूछा कि शहजादे बताएं कि आखिर अंबानी और अडानी से कितना माल उड़ाया है। आखिर कांग्रेस का इन लोगों से क्या सौदा हुआ है। आपने रातोंरात इन्हें गाली देना बंद कर दिया। दाल में जरूर कुछ काला है। टेंपो भर-भर कर आपने चोरी का माल रातोंरात पाया है। इसका जवाब आपको देश को देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 5 सालों से कांग्रेस के शाहजादे दिन-रात एक ही माला जपते थे। 5 उद्योगपति, अंबानी, अदानी… लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है इन्होंने अंबानी-अदानी को गाली देना बंद कर दिया है। ऐसा क्यों? मैं कांग्रेस के शहजादे से पूछना चाहता हूं कि उन्हें अदानी और अंबानी से कितना माल उठाया है? काला धन के बोरे भर के रुपए मारे हैं? कांग्रेस पार्टी को चुनाव के लिए उन उद्योगपतियों से कितना प्राप्त हुआ है?”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान बीआरएस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “करप्शन एक ऐसी फेविकोल है जो कांग्रेस और BRS का कॉमन कैरेक्टर है। ये दोनों एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं लेकिन, बैकडोर से दोनों एक ही करप्शन सिंडिकेट का हिस्सा हैं। BRS वाले कांग्रेस पर कैश फॉर वोट का आरोप लगाते थे लेकिन जब तक वे सत्ता में रहे कभी जांच कराई क्या? कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो BRS पर कालेश्वरम घोटाले का आरोप लगाती थी, ये आए दिन हंगामा भी करते थे। इतने दिन से कांग्रेस की यहां सरकार है लेकिन कोई जांच नहीं कराई।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भाजपा राष्ट्र-प्रथम के सिद्धांत पर चलती है। लेकिन दूसरी ओर, कांग्रेस और बीआरएस तेलंगाना में परिवार-प्रथम सिद्धांत पर चलती है। कांग्रेस और बीआरएस पूरी तरह से “परिवार द्वारा, परिवार के लिए, परिवार के लिए” हैं। ये दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। कांग्रेस और बीआरएस को कौन जोड़ता है? कांग्रेस और बीआरएस को भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण की राजनीति और जीरो गवर्नेंस का मॉडल जोड़ती है। इसलिए, हमें तेलंगाना को इन पार्टियों के भ्रष्ट चंगुल से बचाने की जरूरत है।”
पीएम मोदी ने कहा, “परिवार प्रथम की नीति के कारण कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव का अपमान किया, यहां तक कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को कांग्रेस कार्यालय में प्रवेश से भी वंचित कर दिया। भाजपा-एनडीए सरकार ने पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देकर उनका सम्मान किया।”