केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के बाद 310 लोकसभा सीटें हासिल कर ली हैं और उसका लक्ष्य बंगाल में 30 सीटें जीतने का है।
श्री शाह ने कहा, “एक बार जब आप सातवें चरण के मतदान के अंत में भाजपा को 30 सीटें दे देंगे, तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस टुकड़ों में बंट जाएगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि घुसपैठियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने से न केवल राज्य की जनसांख्यिकी बदल गयी है, बल्कि देश के लिए भी खतरा पैदा हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, “जब आपने 2019 में 18 सीटें दीं, तो प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल राम मंदिर के लिए अदालत में जीत हासिल की, बल्कि 22 जनवरी को भगवार का अभिषेक भी किया गया, और एक बार जब आप बंगाल में 30 सीटें सुनिश्चित कर देंगे, तो सत्तारूढ़ दल को भी इसके अंत का सामना करना पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि राज्य टीएमसी शासन के तहत भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है।
श्री शाह ने कहा, “आसन्न हार को देखते हुए ममता दीदी अब साधु, संत, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ पर हमला कर रही हैं। अगर भारत सेवाश्रम के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद नहीं होते तो यह पश्चिम बंगाल इस समय बंगलादेश में होता।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “दुश्मनी इस हद तक पहुंच गयी है कि ममता दीदी की पुलिस शुभेंदु अधिकारी के घरों की तलाशी लेने लगती है, जो बंगाल में लोकतांत्रिक मानदंडों के लगभग अंत का संकेत देता है। ममता दीदी शुभेंदु पर जितना हमला करेंगी, वह उतने मशहूर होते जाएंगे।”
श्री अधिकारी के छोटे भाई एवं भाजपा उम्मीदवार सौमेंदु अधिकारी के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, श्री शाह ने पूरे क्षेत्र के विकास में उनके योगदान के लिए श्री शुभेंदु अधिकारी की सराहना की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “ शुभेंदु ने 2021 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से ममता दीदी को हराया और उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए अन्य विधानसभा सीट की तलाश करनी पड़ी।” उन्होंने मतदाताओं से इस बार 30 लोकसभा सीटें सुनिश्चित करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें सत्ता पर पकड़ बनाने का दूसरा तरीका नहीं मिले।
श्री शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनने पर खोया हुआ गौरव बहाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि टीएमसी ने राज्य को घुसपैठियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना दिया और स्थानीय लोगों को अधिक संख्या में वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड उपलब्ध कराये। इसी वजह से टीएमसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध किया।