केंद्रीय एमएसएमई एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों को समझने के लिए आज महा सोलर संगठन के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की।
मंत्री ने सौर ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और यह बिजली की लागत में उल्लेखनीय रूप से कमी लाने में सहायता कर सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कृषि, वेयरहाउसिंग आदि जैसे क्षेत्र ऊर्जा व्यापक सेक्टर हैं और सिंचाई के लिए सोलर वाटरपंप तथा कोल्ड स्टोरेज के लिए सौर बिजली जैसी सौर ऊर्जा का समुचित वाणिज्यिक उपयोग बिजली की लागत में कमी लाने की दिशा में योगदान दे सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने घरेलू उत्पादन द्वारा विदेशी आयातों का स्थान लेने के लिए आयात प्रतिस्थापन के साथ-साथ निर्यात वृद्धि की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत अभी भी ऊर्जा दक्ष सोलर पैनलों का आयात करता है और विनिर्माताओं को ‘मेक इन इंडिया‘ उत्पादों की सहायता से भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंत्री ने उल्लेख किया कि वर्तमान आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए एमएसएमई सेक्टर को बेहद जरुरी प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सरकार ने विशेष आर्थिक पैकेज के तहत कई उपायों की घोषणा की है: आनुषंगिक मुक्त ऑटोमैटिक ऋण सहित आत्मनिर्भर भारत अभियान जो बिना अतिरिक्त संपाश्र्विक उपलब्ध कराये, एमएसएमई को कार्यशील पूंजी में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने में सक्षम बनायेगा।
श्री गडकरी ने उद्योग के प्रतिनिधियों से कुछ नए, नवोन्मेषी तथा आर्थिक रूप से व्यवहार्य बिजनेस मॉडल प्रस्तुत करने का आग्रह किया, जिन्हें निम्न लागत टिकाऊ ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए कृषि, वेयरहाउसिंग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यान्वित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा की लागत कम करने में मदद मिलेगी बल्कि ‘मेक इन इंडिया‘ पहल को आवश्यक प्रोत्साहन भी प्राप्त होगा।
उन्होंने विचार व्यक्त किया कि ज्ञान को संपदा में रूपांतरित करने के लिए उद्योग को नवोन्मेषण, उद्यमशीलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल तथा अनुभवों पर अधिक फोकस करना चाहिए।