सर्दियां शुरू होते ही सेहत से जुड़ी कई समस्याएं व्यक्ति को परेशान करने लगती हैं। ऐसी ही एक समस्या में हाई बीपी का नाम भी शामिल है। हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे लोगों को ठंड के मौसम में एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। अगर आपको भी ब्लडप्रेशर की समस्या है तो अपने रूटिन में वीरासन को जरूर शामिल करें।
‘वीरासन’ संस्कृत भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बनता है। पहला शब्द है ‘वीर’ जो योद्धाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जबकि दूसरा शब्द है ‘आसन’ जिसका अर्थ होता है ‘बैठना’। मतलब वीरों या योद्धाओं के बैठने का आसन। इस आसन को अंग्रेजी में हीरो पोज के नाम से जाना जाता है। वीरासन की मुद्रा बनाने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में आना पड़ता है। आइए जानते हैं क्या है वीरासन करने का तरीका और इसे करने से मिलने वाले फायदे-
वीरासन करने का तरीका-
वीरासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर जमीन पर बैठकर वज्रासन की मुद्रा बनाए। इसके बाद अपनी बाईं एड़ी को पकड़कर टांग को कूल्हे के नीचे से निकलकर बाईं जांघ से मिलाते हुए जमीन पर स्थायी रखें। यही प्रक्रिया अपनी दाईं टांग के साथ भी दोहराएं। इसके बाद आपके कूल्हे जमीन पर टिक गए हैं। अपने दोनों हाथों से ओम मुद्रा में बनाकर घुटनों पर रख लें। आप वीरासन की मुद्रा में हैं। ब्लड प्रेशर से राहत पाने के लिए इस मुद्रा में ध्यान लगाकर कम से कम 15 मिनट तक बैठें।
वीरासन के फायदे-
वीरासन योग करने से व्यक्ति को अनेक फायदे मिलते हैं। लेकिन इसे करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि इस मुद्रा का लाभ व्यक्ति को तभी मिलता है जब वह इसे करते समय अपने मन को पूरी तरह केंद्रित रखता है। आइए जानते हैं इस आसान को करने से व्यक्ति को मिलते हैं क्या-क्या लाभ।
उच्च रक्तचाप-
नसों में रक्त का बहाव अचानक तेज हो जाने पर उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है। यूं तो हाई ब्लड प्रेशर के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें सबसे प्रमुख कारण स्ट्रेस होता है। ऐसे में आपके तनाव को दूर करके हाई बीपी की समस्या से राहत देने के लिए वीरासन को एक चमत्कारी योगासन माना जाता है। वीरासन के दौरान लंबी गहरी सांस लेने से दिमाग शांत होता है। जिससे स्ट्रेस कम होता है और रक्त का बहाव धीमी गति ले लेता है। व्यक्ति को रोजाना वीरासन का 15 से 20 मिनट तक अभ्यास करना चाहिए।
फ्लैट फीट-
फ्लैट फीट की समस्या अधिकांश नवजात शिशु में देखने को मिलती है। लेकिन कई बार यह समस्या पोषक तत्वों की कमी, जेनेटिक्स, चोट लगना या फिर गिरने कि वजह से भी हो सकती है। इस समस्या में व्यक्ति को नियमित तौर पर वीरासन का अभ्यास दिन में दो बार करना चाहिए। वीरासन करने से पैर के तलवों पर जोर पड़ता है। जिससे टखनों को मजबूती मिलने के साथ आर्च बनाने में मदद मिलती है।
अवसाद-
अवसाद को कई लोग डिप्रेशन के नाम से भी जानते हैं। आज के समय में हर 7 में से एक व्यक्ति डिप्रेशन की जंग लड़ रहा है। जिससे बचने के लिए योग की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार वीरासन को डिप्रेशन के लिए एक चमत्कारी योगा माना गया है। वीरासन करने से दिमाग शांत होता है और तनाव से मुक्ति मिलती है।
अपच-
वीरासन का नियमित अभ्यास करने से आप अपच से छुटकारा पा सकते हैं। माना जाता है कि हीरो पोज करने से आपका पाचन तंत्र बेहद मजबूत हो जाता है। इससे आपके द्वारा खाया गया खाना भी आसानी से पच जाता है। इससे अपच समेत पेट में होने वाले कई अन्य विकारों से भी मुक्ति मिलती है।