देशभर में मॉनसून का सीजन पीक पर है। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो, जहां पर झमाझम बारिश नहीं हो रही हो। इस बीच, एक स्टडी में बताया गया है कि आने वाले दिनों में केरल के तटीय इलाकों में कई चक्रवाती तूफान देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओशियनोग्राफी (NIO) ने अपनी स्टडी में बताया है कि यह तूफान अक्टूबर से नवंबर के बीच केरल में दस्तक दे सकते हैं। इसके अलावा, पश्चिमी तटों पर अगस्त से सितंबर महीने के बीच भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है।
‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक और एमेरिटस वैज्ञानिक एस प्रसन्ना कुमार ने बताया कि प्रशांत महासागर में एल नीनो चरण की समाप्ति और ला नीना स्थितियों की शुरुआत के कारण, पश्चिमी प्रशांत महासागर और पूर्वी हिंद महासागर गर्म हो रहे हैं। इससे वातावरण में नमी बढ़ गई है। ऐसे में अगस्त महीने में भारी बारिश की संभावना है या फिर मॉनसून के मौसम के भी लंबा होने की उम्मीद है। वहीं, जब एक बार मॉनसून की वापसी हो जाएगी तो अरब सागर में तीव्र चक्रवातों के आने की भी आशंका है।
इस रिसर्च पेपर को प्रसन्ना कुमार के नेतृत्व की टीम ने तैयार किया है, जिसका शीर्षक है- क्या उत्तरी हिंद महासागर के गर्म होने से अधिक ट्रॉपिकल चक्रवात उत्पन्न हो रहे हैं। माना जा रहा है कि यह रिसर्च पेपर अगस्त महीने में पब्लिश हो सकता है। इसके सह-लेखकों में एनआईओ के आरएस अभिनव और जायु नार्वेकर हैं। इसके अलावा, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के एवेलिन फ्रांसिस ने भी को-ऑथर की भूमिका निभाई है।
प्रसन्ना कुमार ने बताया, ”अरब सागर में चक्रवातों की ताकत में बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में कुल चक्रवातों की संख्या में कुछ गिरावट जरूर आई है, लेकिन गंभीर चक्रवातों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।” उन्होंने यह भी बताया कि अरब सागर अटलांटिक और प्रशांत महासागरों और बंगाल की खाड़ी की तुलना में बहुत तेजी से गर्म हो रहा है, इसलिए मॉनसून के मौसम के बाद बड़ी संख्या में चक्रवातों की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि साउथवेस्ट मॉनसून सीजन के खत्म (30 सितंबर) होने के बाद अधिक तीव्रता वाले चक्रवात आ सकते हैं।