प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सांसदों का आज आह्वान किया कि वे इस सत्र में संसद के नये भवन में नयी उमंग, नये उत्साह से नये संकल्पों को पूरा करने के लिए नये विश्वास से आयें और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जुटें।
श्री मोदी ने संसद के विशेष सत्र के पहले संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास हम सभी महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों के ये सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है। जिस मुकाम पर 75 साल की यात्रा हुई है, वे अत्यंत प्रेरक पल रही है।
उन्होंने कहा कि इस सत्र में नए स्थान पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है। वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो सभी इस नए संसद भवन में होंगे।
उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र अनेक प्रकार से महत्वपूर्ण है। सभी सांसदों से अपील है कि यह सत्र छोटा है। इसलिए इसमें ज्यादा से ज्यादा समय सदस्यों को मिले, वे उमंग उत्साह से भाग लें। रोने धोने के लिए बहुत समय है। जीवन के कुछ पल ऐसे होते हैं जिनमें उत्साह, उमंग, उल्लास होना चाहिए। आशा करते हैं कि पुरानी बुराइयों को छोड़ करके उत्तम से उत्तम अच्छाइयों को लेकर हम नये सदन में प्रवेश करेंगे। नये सदन में अच्छाईयों को मूल्य वर्धन हो, ऐसा हमारा प्रयास होगा। वह सभी आदरणीय सांसदों से आग्रह करते हैं कि छोटा सत्र है। वो यहां उमंग और उत्साह के साथ अपना ज्यादा से ज्यादा समय यहां दें।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कल गणेश चतुर्थी का पर्व है। गणेश जी विघ्नहर्ता देवता माने जाते हैं। अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा, अब निर्विघ्न रूप से सारे संकल्प और सपनें भारत परिपूर्ण करेगा। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन ये नव प्रस्थान नए भारत के सारे सपनों को चरितार्थ करने वाला बनेगा।”
श्री मोदी ने यह भी कहा, “ चंद्र मिशन की सफलता और चंद्रयान-3 तिरंगा फहरा रहा है। शिवशक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है, हमें गर्व से भर रहा है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखा जाता है और जब ये सामर्थ्य विश्व के सामने आता है, तो अनेक संभावना, अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा कि जी-20 की अभूतपूर्व सफलता, 60 से अधिक स्थानों पर विश्व भर के नेताओं का स्वागत, मंथन और सही भावना में संघीय ढांचे का एक जीवंत अनुभव भारत की विविधता, भारत की विशेषता के साथ जी-20 अपने आप में एक त्योहार बन गया। जी-20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी-20 का घोषणापत्र, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।
श्री मोदी ने कहा कि कल यशोभूमि एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र राष्ट्र को समर्पित हुआ। कल ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर विश्वकर्मा समुदाय को ट्रेनिंग, आधुनिक टूल, आर्थिक प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की गई।